ज्ञान प्रकाश , बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर जिले की एक अदालत में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का विरोध करने पर बिहार के एक मंत्री और जम्मू-कश्मीर के कई राजनीतिक नेताओं के खिलाफ मंगलवार को एक परिवाद पत्र दायर किया गया । मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मोदी सरकार के फैसले का विरोध करने पर जदयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश कुमार कैबिनेट के सदस्य श्याम रजक, जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों –उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मंगलवार को एक परिवाद पत्र दायर किया । ओझा ने अपने परिवाद पत्र में महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सांसदों के अलावा पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी को भी आरोपी बनाया है। उन्होंने इन आरोपियों पर मोदी सरकार के इस कदम का ’विदेशी शक्तियों के इशारे पर’ विरोध किये जाने का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ भादवि की धारा 124 ए और 120 बी के तहत कार्रवाई करने का आग्रह किया । ओझा के इस परिवाद पत्र पर अदालत आगामी 17 अगस्त को सुनवाई करेगी ।
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