भारत चौहान नई दिल्ली उपराज्यपाल अनिल बैजल ने द्वारका में उत्तर भारत के पहले और सबसे बड़े निजी सिंगल स्पेशियल्टी नेत्र चिकित्सालय सेंटर फॉर साइट की शुरुआत किया। इस मौके पर शहरी आवास मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश भी बतौर सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद थे।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उपस्थित चिकित्सकों के समूह से अपील की कि वे आम मरीजों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं रियायती दर पर सहजता से उपलब्ध कराए। ऐसा करने से यह तय है कि हर साल अंधता के मामलों में कमी आएगी। हृदय रोगी अपनी बीमारी के प्रति जागरुक है, लेकिन नेत्र विकृतियों को वे नजरंदाज करते हैं। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से मरीज डाक्टर के बीच सौहार्दपूर्ण, मानवतापूर्ण रिश्ते में कटास आ रही है। इसे दूर करने के लिए डाक्टर को चाहिए कि वे मरीज को कार्मिशियल के तौर पर न देखें, उनका लक्ष्य सिर्फ इलाज करना होना चाहिए। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा के केंद्र सरकार देशवासियों को सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए कृत संकल्प हैं।
एक छत के नीचे नेत्र विकृतियों का हर इलाज:
सेंटर फॉर साइट के प्रबंध निदेशक पद्मश्री डा. महिपाल सचदेव ने कहा कि यह अस्पताल 20 से अधिक कंसल्टेशन चौंबरों, आठ अत्याधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटरों से लैस 90 हजार वर्गफुट में फैला हुआ है जो उत्तर भारत का सबसे बड़ा और अपनी तरह का पहला नेत्र चिकित्सालय है। जहां एक ही छत के नीचे रेटिना, कैटरैक्ट, रिफ्रेक्टिव सर्जरी कोर्निया, पीडियाट्रिक और न्यूरोपैथैल्मोलॉजी, ऑप्थैल्मिक प्लास्टिक सर्विसेज, आई कैंसर केयर जैसी सभी सुपर स्पेशिल्टी नेत्र चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी ।
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देश में 90 हजार की आबादी में सिर्फ एक नेत्र चिकित्सक हैं जबकि यहां 1.5 करोड़ नेत्रहीन हैं और 20 करोड़ से अधिक लोगों को किसी न किसी रूप में प्रशिक्षित पारामेडिक्स और ऑप्थैल्मिक सहायक की सख्त जरूरत है।