एलर्ट: 77 फीसद दिल्लीवासियों को दफ्तर में आती है नींद :-वेकफिट का सालभर चला ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड 2019 ने किया खुलासा

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, हर साल 15 मार्च को नींद के महत्व के बारे में लोगों को जागरु क
करने के लिए र्वड स्लीप डे यानी वि नींद दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर स्लीप सॉल्यूशन वेकफिट ने बेंगलुरू, दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद के निवासियों के बीच एक साल के लिए ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड 2019 का आयोजन किया। लगभग 16 हजार उत्तरदाताओं के साथ ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड 2019 में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। नींद की कमी भारत में एक देशव्यापी समस्या है।
यह भी:
वेकफिट.सीओ के सह-संस्थापक और सीईओ अंकित गर्ग ने इस सर्वे पर टिप्पणी करते हुए कहा नींद की कमी से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो उच्च रक्तचाप से लेकर बेचैनी तक बढ़ा सकती है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि कैसे देशभर में भारतीय इन समस्याओं की उपेक्षा करते हैं। इससे अधिक चिंताजनक है कि उनमें से अधिकांश नींद की बीमारी को वास्तविक समस्या ही नहीं मानते। जब हम भारतीयों के समग्र नींद स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, तो बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है।
दिल्ली के आंकड़े:
अध्ययन में कुल 1700 लोगों को शमिल किया गया, उन्होंने प्रश्न का जबा दिया।

-52 फीसद लोग रात 11 बजे से 1 बजे के बीच सोते हैं
31 फीसद लोग 7 घंटे से भी कम सोते हैं
80 फीसद लोगों को इनसोम्निया है
दिल्लीवाले रात को जागे रहते हैं क्योंकि वे लैपटॉप्स या स्मार्टफोन पर शो देखते हैं (27 फीसद) या सोशल मीडिया फीड्स को स्क्रोल करते हैं (20 फीसद)
90 फीसद लोग सोने से पहले अपने फोन का इस्तेमाल करते हैं
77 फीसद लोग हफ्ते में 1-3 दिन तक काम के समय नींद महसूस करते हैं
88 फीसद लोग रात को 1-2 बार नींद से उठ जाते हैं
47 फीसद लोगों को पीठ दर्द की समस्या है

सोने का नहीं वक्त:
जब दिल्ली के नागरिकों की बात की गई तो 52 फीसद लोग 11 बजे से 1 बजे के बीच सोना पसंद करते हैं। द ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड 2019 के पता चला कि 31 फीसद लोगों की नींद 7 घंटे से कम और 88 फीसद लोग रात में 1-2 बार जागते हैं। कई लोग देर रात तक अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से जुड़े रहते हैं। वे शो देखते हैं या सोशल मीडिया पर स्क्रोल करते रहते हैं। इसके अलावा सोने से पहले 90 फीसद लोग अपने फोन का इस्तेमाल करते हैं। खतरनाक रूप से 80 फीसद उत्तरदाताओं ने माना कि वे अनिद्रा (इनसोम्निया) से पीड़ित हैं। और, इसके नतीजे 77 फीसद दिल्लीवासी सप्ताह में कम से कम 1-3 दिनों में काम पर नींद महसूस करते हैं। हालांकि, समस्याएं थकावट से आगे बढ़ती हैं, क्योंकि 47 फीसद उत्तरदाताओं ने पीठ दर्द बढ़ने की शिकायत की थी।

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