ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली , केंद्र सरकार के डा. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में बनने वाली टनल (सुरंग) को रोडमैप लगभग तैयार हो चुकी है। शहरी विकास मंत्रालय और केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने निर्माण कार्य को अपनी अन्तिम मंजूरी दे दी है। अब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ ही केंद्र लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के प्रोजेक्ट पर सीपीडब्ल्यूडी अस्पताल का जायजा लेगी। इसमें स्पेन, जर्मनी के भू वैज्ञानिकों को भी शामिल किया गया है। दरअसल, जहां पर इस टनल का निर्माण होना है इसके समीप राष्ट्रपति निवास है, राष्ट्रपति निवास संपदा विशाल भूभाग में है। इसके आसपास सांसदों और कई अति विशिष्ट लोगों के बंगले भी है। सुरक्षा की दृष्टि से शीषर्स्थ एजेंसियों की निगरानी में इस कार्य को अंजाम दिया जाएगा।
इन तथ्यों पर होगी नजर:
इसमें देखा जाएगा कि टनल की शुरु आत कहां से की जाए, टनल कितनी लंबी और जमीन से कितनी नीचे होगी, इसे बनाने पर कितना खर्च आएगा और इसे कैसे बनाया जाएगा, सीपीडब्ल्यूडी द्वारा इस सब का जायजा लिया जाएगा। आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. वीके तिवारी के मुताबिक हमारा टनल का प्रोजेक्ट और अब सीपीडब्ल्यूडी इसका जायजा लेगा। यह टनल आरएमएल अस्पताल से सड़क के उस पार स्थित सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ के बीच बनाने का प्रस्ताव है। सीपीडब्ल्यूडी द्वारा निरीक्षण करने के बाद ही स्थिति साफ होगी कि टनल बन सकती है या नहीं। डा. तिवारी का कहना है कि सेंटर के सड़क के उस पार होने की वजह से अस्पताल से वहां जाने वाले मरीजों और तिमारदारों को तेज चलती सड़क से गुजरना पड़ता है। यहां गाड़ियों की रफ्तार काफी तेज होती है। ऐसे में कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। डॉक्टर भी अस्पताल से सेंटर में जाते हैं, उन्हें भी परेशानी होती है। इस स्थिति को देखते हुए हमारी तरफ से सरकार को टनल बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था जिसके निरीक्षण का काम सीपीडब्ल्यूडी को सौंपा गया है। यह टनल बनने से मरीजों, तिमारदारों, डॉक्टरों व अस्पताल के अन्य स्टाफ को आने-जाने में काफी आसानी होगी। कुछ दिनों में इसका जायजा लेने के लिए टीम आएगी और उसके बाद टनल के प्रस्ताव पर स्थिति साफ हो पाएगी।
वीआईपी अस्पताल:
सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने बताया कि चूंकि इस अस्पताल में अतिविशिष्ट लोगों का उपचार कराने के लिए राउंड द क्लाक दबाव रहता है। भारी संख्या में उनके वाहन और अधिकारी भी आते रहते हैं, टनल बनने के बाद ही मरीजों को राहत मिलेगी। इस योजनापर 76 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। उम्मीद है कि अगले मई के अन्तिम सप्ताह से इसके निर्माण की शुरुआत होगी।