ज्ञानप्रकाशनई दिल्ली/सिएटल। बिल और मेंिलडा गेट्स के अनुसार युवाओं में निवेश के द्वारा रचनात्मकता और उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है।
बिल एंड मेंिलडा गेट्स फाउन्डेशन ने आज अपनी दूसरी सालाना गोलकीपर्स डेटा रिपोर्ट का लान्च किया, इसमें जनसांख्यिकी रूझानों से जुड़े ऐसे पहलुओं पर रोशनी डाली गई है जो दुनिया भर में गरीबी दूर करने में मददगार हो सकते हैं। हालांकि पिछले 20 सालों के दौरान 100 करोड़ लोगों ने अपने आप को गरीबी के जाल से बाहर निकाला है, इसके बावजूद सबसे गरीब देशों, विशेष रूप से अफ्रीका उपमहाद्वीप में तेज़ी से बढ़ती आबादी,दुनिया कीभावी प्रगति में बाधक हो सकती है। अगर मौजूदा रूझान जारी रहें तो दुनिया भर में बेहद गरीब लोगों की संख्या जो दो दशकोंसे कम हो रही थी, वह रूक सकती है या बढ़ भी सकती है। इन संभावी गंभीर अनुमानों के बावजूद बिल और मेंिलडा गेट्स ने उम्मीद जताई है कि वि में युवाओं की बढ़ती आबादी भावी प्रगति में बहुत बडा योगदान देगी। अफ्रीका उपमहाद्वीपमें युवाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य में निवेश के द्वारा इनकी उत्पादकता और रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगाजिससे गरीबी कम करने की इसश्तीसरी लहरश् को उसी तरह मदद मिलेगी जैसे कि पहली और दूसरी लहरसे क्रमश: चीन और भारत में उत्कृष्ट परिणाम सामने आए हैं। ‘‘निष्कर्ष स्पष्ट है: गरीबों की स्थिति में सुधार लाने के लिए हमें अफ्रीका उपमहाद्वीप के सबसे तेज़ी से बढ़ते गरीब देशों को अवसर उपलब्ध कराने होंगे।’’बिल और मेंिलडा गेट्स ने अपनी रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा-‘‘हमें युवाओं में निवेश करना होगा।युवाओं में निवेश का तात्पर्य है कि हम उनके स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश को प्राथमिकता दें।’’ गोलकीपर्स: द स्टोरीज़ बिहाइन्ड द डेटा 2018-ीण्द्यद्यद्र://ढ़ठ्ठद्यड्ढद्मढदृद्वदड्डठ्ठद्यत्दृद.दृद्धढ़/ढ़दृठ्ठथ्त्त्ड्ढड्ढदड्र्ढद्धद्म/द्धड्ढद्रदृद्धद्य केलेखक एवं सम्पादक बिल और मेंिलडा गेट्स हैं, जिसे युनिवर्सिटी आफ वांिशगटन में इन्सटीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एण्ड इवैल्यूएशन के साथ साझेदारी में तैयार किया गया है। नए पूर्वानुमानित आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई इस रिपोर्ट के अनुसार हालांकि अफ्रीका उपमहाद्वीप में गरीबी मात्र कुछ ही देशों में सिमट कर रह गई है,ंिकतु उन देशों में गरीबी सबसे तेज़ी से बढ़ रही है। 2050 तक दुनिया के सबसे गरीब 40 फीसदी लोग मात्र दो देशों -डेमोक्रेटिक रिपब्लिक आफ कांगो और नाइजीरिया में मौजूद होंगे। पिछले कुछ सालों के दौरान बड़ी संख्या में युवा आबादी ने गरीबी में कमी लाने तथा आर्थिक विकास में योगदान दिया है। यह रिपोर्टयुवाओं की क्षमता एवं शक्ति में निवेश द्वारा प्रगति के लिए आहृान करती है। विशेषज्ञों एवं पत्रकारों के लेखों के ज़रिए यह रिपोर्ट उन तरीकों पर रोशनी डालती है, जिनके द्वारा युवा दुनिया में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र में ‘मानव पूंजी’ यानि स्वास्थ्य एवं शिक्षा में निवेश के द्वारा क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद 2050 तक 90 फीसदी से भी अधिक बढ़ने की संभावना है। हर साल, गोलकीपर्स रिपोर्ट यूएन के सतत विकास लक्ष्यों (एसण्डीण्जी) से जुड़े 18 मुख्य बिन्दुओं पर निगरानी करती है जिनमें कई महत्वपूर्ण बिन्दु शामिल हैं जैसे जच्चा-बच्चा मृत्यु दर, बच्चों के विकास में अवरोध, गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता, एचआईवी, मलेरिया, अत्यंत गरीबी, वित्तीय समावेशन और स्वच्छता। इस साल की रिपोर्ट में इन चार विषयों पर गहराई से शोध किया गया है: परिवार नियोजन-इस अध्याय में सेंटर फार ग्लोबल डेवलपमेन्ट के विज़िंिटग फैलो एलेक्स एजेह का निबंध शामिल है। यह निबंध महिला सशक्तीकरण के महत्व पर ज़ोर देता है, ताकि महिलाओं को यह फैसला लेने का अधिकार मिले कि वे कब, किसके साथ और कितने बच्चे चाहती हैं। एजेह बताते हैं कि यूएन के आंकड़ों के अनुसार 2050 तक अफ्रीका उपमहाद्वीपक्षेत्र की आबादी दोगुनी हो जाएगी और 2100 तक फिर से दोगुनी हो जाएगी। अगर उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र में हर महिला को परिवार नियोजन के साधनों सेसशक्त बनाया जाए तो आबादी में अनुमानित वृद्धि को 30 फीसदी तक कम किया जा सकता है (4 बिलियन से 2.8 बिलियन)। इससे बड़ी संख्या में लड़कियों को अपने जीवन में न सिर्फ स्वयं फैसले लेने का अधिकार मिलेगा, बल्कि अपनी पढ़ाई पूरी करने का भी मौका मिलेगा, जिसके कारण वे जल्दी मां नहीं बनेंगी और परिवार में आय सृजन में योगदान देंगी और समय आने पर वे अपने बच्चों की समुचित देखभाल करके उन्हें भी सशक्त बना सकेंगी। यह लेख बताता है कि किस तरह केन्या का परिवार नियोजन कार्यक्रम युवतियों के लिए गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एचआईवी-इस अध्याय में लंदन के इम्पीरियल कालेज का अध्ययन शामिल है जिसमें बताया गया है कि 2050 तक एचआईवी महामारी की वजह से जिम्बाब्वे के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा। लेख में यह भी बताया गया है कि देश की बड़ी युवा आबादी आर्थिक विकास में योगदान दे सकती है, लेकिन इसके लिए उनका स्वस्थ रहना ज़रूरी है। जिम्बाब्वे की आधी से •यादा आबादी की उम्र 25 वर्ष से कम है, जिससेयह आबादी एचआईवी के खतरे पर हैं। अगर जिम्बाब्वे अगले पांच सालों में एचआईवी की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाता है तो एक दशक के अंदर 15-29 वर्षीय आबादी में संक्रमण की संभावना में एक तिहाई तक गिरावट लाई जा सकती है। एड्स की रोकथाम के आधुनिक तरीकों जैसे •यादा प्रभावीवैक्सीन के द्वारा 2030 तक नए मामलों की संख्या को 400 प्रति वर्ष तक कम किया जा सकता है और इन सभी प्रयासों के द्वारा जिम्बाब्वे के युवाओं में एचआईवी के 364,000 तक नए मामलों को रोका जा सकता है। शिक्षा-इस अध्याय में भारत के सेंट्रल स्क्वेयर फाउन्डेशन के चेयरमैन आशीष धवन का लेख शामिल है। इस लेख में बताया गया है कि हालांकि आज निम्न एवं मध्यम आय वर्ग वाले देशों में बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल जाते हैं लेकिन इनमें से बहुत से बच्चे स्कूल में वह सब नहीं सीख पा रहे हैं, जो उन्हें जीवन में सफलता पाने के लिए सीखना चाहिए। दुर्भाग्यवश सीखने की रणनीतिपर उतना काम नहीं किया गया है जितना कि बच्चों के स्कूलों में दाखिलों पर किया गया है। इस लेख में वियतनाम का उदाहरण दिया गया है जिसने शिक्षा के क्षेत्र मेंचैतरफ़ा सुधार किया है। वियतनाम की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद आय भारत से थोड़ी ही अधिक है, जबकिइसके 15 वर्षीय छात्र अन्तर्राष्ट्रीय परीक्षाओं में पश्चिमी देशों जैसे अमेरिका और ब्रिटेनके छात्रों की तुलना में अच्छा प्रदर्शनकरते हैं। कृषि-इस अध्याय में इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रीसर्च इन्सटीट्यूट के सीनियर रीसर्च फैलो जेम्स थरलो का विश्लेषण शामिल है। उनका मानना है कि कृषि उत्पादकता को दोगुना कर घाना में गरीबी को आधा किया जा सकता है जिससे क्षेत्र में सैंकड़ों- हज़ारों नौकरियां पैदा की जा सकती है और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सकता है।स्थानीय पत्रकार द्वारा प्रस्तुत एक लेख में एक टमाटर की यात्रा का विवरण दिया गया जोकि बुरकिना फासो के खेत में उगाया गया और वहां सेकिस तरह घाना में एक किचन तक पहुंचा औरकिस तरह इस पूरी यात्रा से क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा हुईं। बिल और मेंिलडा गेट्स 2030 तक हर साल गोलकीपर्स डेटा रिपोर्ट उस समय प्रस्तुत करेंगे, जब दुनिया भर के जननायक न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए एकत्रित होते हैं। यह रिपोर्ट इस तरह से संकलित की गई है कि यह यूएन के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर काम करने के सर्वश्रेष्ठ तरीकों पर रोशनी डाले और गेट्स फाउन्डेशन, इसके साझेदारों एवं दुनिया भर के लीडर्स को महत्वपूर्ण मुद्दों पर जवाबदेह बनाए। यह रिपोर्ट न केवल बताती है कि दुनिया भर में यूएन के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर क्या काम किया जा रहा है बल्कि यह भी बताती है किन पहलुओं में दुनिया आज भी पीछे है। गोलकीपर्स रिपोर्ट के साथ-साथ बिल और मेंिलडा गेट्स एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान न्यूयार्क सिटी में गोलकीपर्स कार्यक्रम का सह आयोजन कर रहे हैं। 26 सितम्बर को सरकार, कारोबार, टेक्नोलाजी, मीडिया, मनोरंजन और गैर-लाभ क्षेत्रों के युवा प्रतिनिधि विस्तरीय लक्ष्यों पर चर्चा करेंगे। इसके प्रतिभागियों में जाने-माने युवा प्रतिनिधि शामिल होंगे जैसे डेविड सेनेगेह, चीफ़ इनोवेशन आफिसर फार गवर्नमेन्ट आफ सियरा लियोन; त्रिशा शेट्टी, भारतीय वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और शी सेज़ की संस्थापक;ंिकग काका, केन्याई संगीतज्ञ और कार्यकर्ता; अरण्य जोहर, भारतीय कवि। अन्य प्रवक्ताओं में शामिल हैं ग्रेसा मैशेल, महिलाओं एवं बाल अधिकारों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय अधिवक्ता और ग्रेसा मैशेल ट्रस्ट की सह-संस्थापक; र्रिचड कर्टिस, लेखक एवं प्रोजेक्ट एवरीवन के सह-संस्थापक और स्टीफन फ्राई, अभिनेता, लेखक और प्रस्तोता। प्रस्तुतकर्ताओं में शामिल होंगे- ब्रिटिश गीतकार और संगीत लेखक एड शीरान और ब्रुकलिक यूथ कोरस। अन्य प्रवक्ताओं का ऐलान जल्द ही किया जाएगा। 25 सितम्बर की शाम बिल और मेंिलडा गेट्स की सहमेजबानी में गोलकीपर्स ग्लोबल गोल अवॉर्डस आयोजित किए जाएंगे। बिल एण्ड मेंिलडा गेट्स फाउन्डेशन एवं यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित ये पुरस्कार उन युवाओं को सम्मानित करेंगे जिन्होंने यूएन के 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। ये पुरस्कार चार श्रेणियों में दिए जाएंगे- प्रोग्रेस अवार्ड, चेंजमेकर अवार्ड, कैम्पेन अवार्ड और ग्लोबल गोलकीपर्स अवार्ड। सम्पादक के लिए नोट
बिल एण्ड मेंिलडा गेट्स फाउन्डेशन के बारे में हर व्यक्ति के जीवन का समान मूल्य है, इसी दृष्टिकोण के साथ बिल एण्ड मेंिलडा गेट्स फाउन्डेशन हर व्यक्ति कोस्वस्थ रहने में मदद करता है, ताकि दुनिया का हर व्यक्ति उत्पादक जीवन जी सके। विकासशील देशों में यह लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाकर उन्हें भुखमरी और गरीबी मिटाने में मदद करता है। अमेरिका में यह खासतौर पर उन लोगों के लिए काम करता है, जिनके पास संसाधनों, अवसरों की कमी है और उन्हें स्कूल एवं जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अवसर उपलब्ध कराता है। सिएटल, वांिशगटन में स्थित इस फाउन्डेशन के सीईओ स्यू डेसमंड-हैलमैन हैं और को-चेयरपर्सन विलियम एच गेट्स हैं जो बिल गेट्सए मेंिलडा गेट्स एवं वारेन बूफेट के नेतृत्व में काम करते हैं। गोलकीपर्स के बारे में
गोलकीपर्सबिल एण्ड मेंिलडा गेट्स फाउन्डेशन का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जो यूएन के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रगति की दिशा में काम करनेके लिए प्रतिबद्ध है। कहानियों, आंकड़ों, कार्यक्रमों एवं सालाना रिपोर्ट के माध्यम से यह प्रोजेक्ट नई पीढ़ी के लीडर्स- गोलकीपर्स को प्रोत्साहित करता हैं, जो यूएन के सतत विकास लक्ष्यों (एसण्डीण्जी) की प्रगति के बारे में आम जनता को जागरुक बना सकें और अपने नेताओं को जवाबदेह बना सकें तथा इन विस्तरीय लक्ष्यों को हासिल करने में योगदान दे सकें। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के बारे में 25 सितम्बर 2015 को न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में दुनिया भर के 193 लीडर्स ने 17 सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) तय किए और 2030 तक इन तीन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल करने का उद्देश्य निर्धारित किया गया है। इनमें शामिल हैं- गरीबी उन्मूलन, दुनिया से असमानता और अन्याय को दूर करना तथा जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान।