अहमदाबाद का नाम बदलने पर विचार: रूपाणी, उपमुख्यमंत्री ने नाम को ‘दासता का प्रतीक’ बताया

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ज्ञानप्रकाश,गुजरात सरकार ने गुरूवार को कहा कि वह अहमदाबाद
का नाम बदलकर कर्णावती करने पर विचार कर रही है। राजधानी गांधीनगर में
संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि लोकसभा
चुनावों से पहले नाम बदला जा सकता है। कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश
की भाजपा सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और मंगलवार को फैजाबाद का
नाम अयोध्या करने की घोषणा की है। रूपाणी ने कहा, ‘‘जनता लंबे समय से
अहमदाबाद का नाम कर्णावती करने की मांग कर रही है। सरकार इस मांग पर
विचार कर रही है। यह पता लगाने के लिए परामर्श शुरू कर दिया गया है कि
क्या हम इसे कानूनन कर सकते हैं। परामर्श के बाद हम ठोस कदम उठाएंगे।’’
जब पूछा गया कि क्या यह काम लोकसभा चुनावों से पहले हो सकता है या बाद
में होगा, तो उन्होंने कहा, ‘‘चुनावों से पहले।’’ उप मुख्यमंत्री
नितिन पटेल ने कहा कि अहमदाबाद नाम ‘दासता का प्रतीक’ है और इसे बदला
जाना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कानूनी मंजूरी और केंद्र से
स्वीकृति समेत अन्य मंजूरियां प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी
है।’’ पटेल ने कहा, ‘‘मौजूदा नाम दासता का प्रतीक है, जबकि कर्णावती
नाम हमारे गौरव, आत्म-सम्मान, हमारी संस्कृति और स्वायत्तता को झलकाता
है।’’ पटेल ने मंगलवार को कहा था कि सबकुछ ठीक रहा तो गुजरात की
भाजपा सरकार अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती कर सकती है। उसी दिन उत्तर
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या
करने की घोषणा की थी। मेयर बिजल पटेल ने कहा कि वह नाम बदलने के लिए
प्रस्ताव लाने से पहले सरकार से दिशानिर्देश प्राप्त करेंगी।
अहमदाबाद नगर निगम की वेबसाइट के अनुसार सोलंकी राजवंश के राजा कर्णदेव
प्रथम ने ग्यारहवीं सदी में भील राजा आशापाल को हराने के बाद साबरमती नदी
के किनारे कर्णावती की स्थापना की थी। वेबसाइट के अनुसार तेरहवीं सदी
के अंत में दिल्ली सल्तनत ने गुजरात को हरा दिया और 1411 में अहमद शाह ने
कर्णावती के पास अहमदाबाद की स्थापना की।

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