नई दिल्ली, दुष्कर्म के चलते मौत के दरवाजे पर खड़ी आठ माह की बच्ची को डॉक्टरों ने बचा लिया है। तीन घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बच्ची को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। मंगलवार दोपहर लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज स्थित कलावती अस्पताल में बच्ची को होश आ गया है। उधर पीड़िता और उसके परिजनों की सुरक्षा के लिए अस्पताल में सुरक्षा भी सख्त कर दी गई है। वार्ड से लेकर आसपास के दरवाजों तक पर सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में बच्ची की मां के अलावा एक महिला पुलिसकर्मी को तैनात किया गया है।
जल्लाद सी की हरकत:
सगे ताऊ के लड़के ने भाई बहन के पवित्र संबंधों को ताक पर रखते हुए एक आठ माह की बच्ची के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया। जिसके चलते बच्ची की हालत गंभीर हो गई थी। उसके शरीर के विभिन्न हिस्से चोटिल हो गए हैं। इस नाजूक जान के पेट, चेहरा, हाथ, पैर हर जगह नाखून के निशान पाए गए हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद आनन फानन में बच्ची को अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां उसके ऑपरेशन के जरिए डॉक्टरों ने नया जीवन दिया है। यह शल्यक्रिया करीब दो घंटे तक चली जिसके तहत बच्चे के जख्म को सामान्य करने का प्रयास किया गया।
बच्ची की हालत स्थिर:
फिलहाल बच्ची खतरे से बाहर है। लेकिन कुछ चिकित्सीय प्रक्रियाएं शेष होने की वजह से उसे आईसीयू में रखा गया है। देर शाम तक बच्ची की तबियत स्थिर बनी हुई थी। कुछ दिन और उसे आईसीयू में रहने जैसी संभावना भी व्यक्त की जा रही है। बताया जा रहा है कि बच्ची के ऑपरेशन में चार डॉक्टरों सहित करीब 12 सदस्यों की टीम सोमवार रात इलाज में जुटी रही थी।
दर्द कम होने पर मुस्करा देती है:
आईसीयू में भारी भरकम मशीनों और ऑक्सीजन के साए में लेटी आठ माह की बच्ची ने मंगलवार को दोपहर बाद करीब 2 बजे जब अपनी आंखें खोली तो सामने अपनी मां को देख उसका चेहरा खिल गया। बच्ची की इस हालत से आहत मां ने जब बेटी की मुस्कान देखी तो उनकी आंखों से भी आंसू छलक उठे। वे रोते रोते अपनी बेटी को प्यार करने लगी। लेकिन यह कुछ ही पल के लिए रहा। दरअसल जब बच्ची को आराम मिलता है तभी उसके चेहरे पर मुस्कान दिखती है। फिर वह कुछ समय के लिए सो जाती है।
भारत चौहान दिल्ली