हर साल देश में होती है एनसीडी से 61 फीसद मौतें

0
645

ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार देश में बढ़ते गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के उन्मूलन, रोकथाम के लिए कृत संकल्प है। एनसीडी की रोकथाम सिफारिशों पर आधारित एक पुस्तक का लोकार्पण करते हुए डा. सिंह ने कहा कि एनसीडी को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रोजेक्ट होप की शुरुआत की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ राज्य स्तरीय दो परामर्श पायलट प्रोजेक्ट के सकारात्मक परिणाम मिले। इसका उद्देश्य गैर संचारी रोगों (एनसीडी) में कार्य करने की चुनौतियों का समाधान करना और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कायरे को प्राथमिकता देना था।
प्रोजेक्टर होप और एली लिली एंड कंपनी ने सफलतापूर्वक राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे और अंतिम परामर्श सत्र को संबोधित करते हुए डा. सिंह ने कहा कि केंद्र सकार एनसीडी की रोकथाम के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि गैर-संक्रमणीय बीमारियों का विषय बीमारी स्पेक्ट्रम के एक युग से दूसरे युग तक भारत के यात्रा को प्रदर्शित करता है। वर्तमान में, भारत में एनसीडी आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और जीवन शैली के पहलुओं के मामले में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। प्रोजेक्ट होप जैसे संगठन उन लोगों की पहचान करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिन्हें सहायता की आवश्यकता होती है और उन्हें सामाजिक पहलुओं पर शिक्षित किया जाता है।
10 करोड़ परिवारों को मिलेगा 5 लाख बीमा कवर:
डा. सिंह ने कहा कि आर्थिक और जीवनशैली के पहलुओं के लिए हमारी वर्तमान सरकार बहुत संवेदनशील है और अगले महीने आयुष्मान भारत योजना शुरू करने जा रही है, जिससे 10 करोड़ परिवारों को प्रत्येक को 5 लाख बीमा कवर के साथ लाभ होगा। सरकार ने पूरे देश में कल्याण क्लीनिक की प्रक्रिया शुरू की है और विशेष रूप से जिला स्तर पर प्रत्येक अस्पतालों में नि:शुल्क डायलिसिस इकाई शुरू की है।
यह भी:
प्रोजेक्ट होप के क्षेत्रीय निदेशक डा. लक्ष्मीकांत पालो ग्लोबल र्बडन ऑफ डिसीज रिपोर्ट, 2016 के हवाले से कहा कि एनसीडी से हर साल भारत में 61 फीसद मौतें होती हैं। यह एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती का गठन करते हैं, जो देश के सामाजिक और आर्थिक विकास दोनों को पर्याप्त मानव लागत के साथ प्रभावित करते हैं। एनसीडी के कार्यक्रम कार्यान्वयन चुनौतियों को संबोधित करने के लिए सभी महत्वपूर्ण हितधारकों द्वारा एक साथ विकसित व्यापक समाधान की आवश्यकता होती है। प्रोजेक्ट होप भारत में एनसीडी के बढ़ते दबाव का जवाब देने के लिए सरकार और प्रमुख हितधारकों के साथ साझेदारी में काम कर रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here