कलश यात्रा एवं मंगल मूर्ति स्थापना के साथ 10 दिवसीय गणपति उत्सव शुरू -शक्तिपीठ, सिद्धपीठ, मंदिरों के साथ ही भक्तों ने घरों में विधि पूर्व विघ्नहर्ता की मूर्तियों का सोमवार को किया स्थापन -श्रीगणोश सेवा मंडल का 18वें गणोश महोत्सव का थीम जल ही जीवन एवं तिरूपति बालाजी के थीम पर बनाया भव्य पंडाल -मोदी जी के अपील पर प्लास्टिक के प्रयोग पर पूर्ण रोक -रक्त दान शिविर, स्वास्थ्य चिकित्सा कैम्प, निर्धन कन्या विवाह, इको फ्रेंडली गणपति मूर्ति आकषर्ण का केंद्र

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2006

ज्ञान प्रकाश भारत चौहान नई दिल्ली , श्री गणोश चतुर्थी के पावन पर्व पर सोमवार को विघ्नहर्ता श्रीगणोश की प्रतिमाओं का विधि विधान से स्थापना के बाद 12 सितम्बर तक दस दिवसीय गणपति उत्सव प्रारंभ हो गया। राजधानी के हर क्षेत्र में गणोशोत्सव की धूम है।
पूर्वी दिल्ली के डीडीए, मिनी स्टेडियम, बैंक इंकलेव में आयोजित 18वां गणेश महोत्सव का शुभारंभ दिल्ली का महाराजा का शोभा कलश यात्रा एवं मंगल मूर्ति स्थापना के साथ हुआ। शोभा कलश यात्रा में कलश लिए 108 महिलाएं सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यह शोभा यात्रा लवली पब्लिक स्कूल पीडी विहार से प्रारंभ होकर प्रियदशर्नी विहार, लक्ष्मीनगर होते हुए डीडीए मिनी स्टेडियम, बैंक एन्क्लेव पहुंची। उसके बाद श्री गणेश की प्रतिमा की स्थापना श्रीश्री 1008 संत कृष्णा स्वामी महामंडलेर महाराज द्वारा किया गया। मंडल के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र लड्डा, अध्यक्ष सचिन गुप्ता, महासचिव राज कत्याल, सचिव प्रदीप श्रीवास्तव और गणेश सेवा मंडल के सभी सदस्य और सैकड़ों श्रद्धालु इस अवसर पर उपस्थित थे। इस वर्ष का थीम जल ही जीवन है रखा है। श्री लड्डा के अनुसार जल है तो कल है का संदेश देने के लिए हमारी संस्था ने इस बार अलग से एक विभाग-पर्यावरण समिति गठित किया है जो लोगों को जल संवर्धन एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा एवं उन्हें जल के महत्व के बारे में समझायेगा। पंडाल को तिरूपति बालाजी के थीम पर बनाया गया है। पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर में सोमवार शाम से गणपति महोत्सव शुरू हुआ। महोत्सव से पहले गणपति भगवान की भव्य मूर्ति के साथ आसपास के इलाके में शोभायात्रा निकाली गयी। शोभा यात्रा का आयोजन शिव युवा सेवा समिति की ओर से किया था। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में सजी-धजी महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हुए। महोत्सव गणपति की शोभायात्रा मेन रोड मदर डेयरी के सामने से शुरू हुई और गुरुद्वारा चौक पर जाकर समाप्त हो गयी। चौक पर सभी ने विधिवत पूजा अर्चना की। इस मौके पर विधायक नितिन त्यागी, पाषर्द गोविंद अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग थे।
108 किलो मोदक भोग:
श्रीराधेश्याम मंदिर, छीपीवाड़ा, धर्मपुरा में महंत पं. भवानी शंकर गौतम ने गणेश आरती पूजन के साथ ही 108 किलो ग्राम वजन वाला मोदक का भोग लगाया। उन्होंने बताया कि भगवान गणेश का यह मंदिर 250 वर्ष पुराना है। यहां की मान्याता है कि स मंदिर में जो भी श्रद्धालु मात्र दो लड्डू और दुर्वा लेकर गणेश चतुर्थी के दिन बाबा गणपत बप्पा को अर्पित करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

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