सज्जन कुमार की दोषसिद्धि 84 के दंगा मामले में सफल मुकदमा चलाए जाने का एक महीने के भीतर तीसरा मामला

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भारत चौहान नयी दिल्ली, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाया जाना सफल मुकदमा चलाए जाने का एक महीने के भीतर तीसरा मामला है। देश के अब तक के सबसे भीषण नरसंहार के मामले में कुमार को दोषी ठहराए जाने का फैसला उच्च न्यायालय के 28 नवंबर के उस फैसले के 19 दिन बाद आया है जिसमें अदालत ने सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में 89 में से 70 लोगों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था। निचली अदालत ने उन लोगों को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई थी। उससे पहले निचली अदालत ने 20 नवंबर को दोषी यशपालंिसह को मौत की सजा और एक अन्य व्यक्ति नरेश सहरावत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इन्हें दंगों के दौरान दो लोगों की हत्या के मामले में यह सजा सुनाई गई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में तकरीबन 3000 लोग मारे गए थे। दोनों को 14 नवंबर को दोषी ठहराए जाने और उसके बाद सुनाई गई सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। 73 वर्षीय सज्जन कुमार पहले बड़े नेता है जिन्हें सिख दंगों के 34 साल बाद सजा सुनाई गई है। उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने आदेश में कहा कि दंगे ‘‘मानवता के खिलाफ अपराध’’ थे, जिसे उन लोगों ने अंजाम दिया जिन्हें ‘‘राजनीतिक संरक्षण’’ हासिल था। यह मामला एक और दो नवंबर 1984 को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पालम कॉलोनी इलाके के राज नगर पार्ट-1 में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे को जलाए जाने से संबंधित है। सत्ता में आने के बाद राजग सरकार ने नरसंहार मामले की जांच के लिये 2015 में विशेष जांच दल का गठन किया था। एसआईटी दंगों से संबंधित तकरीबन 60 मामलों की जांच कर रही है जबकि 52 मामलों में उसने ‘अनट्रेस्ड रिपोर्ट’ दाखिल की है। अंतिम रिपोर्ट ‘अनट्रेस्ड’ के रूप में तब दायर की जाती है जब आरोपी जांच में शामिल नहीं होता है या पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने में सक्षम नहीं होती है। मामले की फाइल ऐसी स्थिति में जांच के लिये हमेशा खुली रहती है। अंतिम रिपोर्ट ‘अनट्रेस्ड’ के रूप में दाखिल करने के बाद अगर पुलिस को कोई सूचना मिलती है तो वह औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जांच फिर से शुरू कर सकती है और मुकदमे के लिये अंतिम रिपोर्ट दायर कर सकती है।

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