स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर गिरा,बीते साल ग्रेडिंग में थी तीसरे स्थान पर अब पांचवे पर खिसकी -केरल औव्वल, उत्तर प्रदेश बिहार निचले पायदान पर -नीति आयोग ने की ग्रेडिंग, जारी की रिपोर्ट -टीकाकरण अभियान की स्थिति में सुधार

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने और उसमें सुधार के मामले में केरल लगातार दूसरे अव्वल बना हुआ है जबकि इस मामले में पंजाब को पछाड़ कर आंध्र प्रदेश दूसरा स्थान हासिल किया है। इस मामले में बिहार की स्थिति खराब हुई है और यह 19वें पायदान से फिसल कर 20 स्थान पर आ गया है। जबकि उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर कायम है। केन्द्र शासित प्रदेशों की सूची में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हुआ है और यह पिछले वर्ष के तीसरे स्थान से फिसल कर पांचवे पायदान पर पहुंच गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बेशक राजधानीवासियों को बेहतर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने का वादा करते नहीं थक रहे हैं लेकिन उनका दावा बेदम साबित हो रहा है।
नीति आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय और वि बैंक के साथ इस इस रिपोर्ट को तैयार किया है। ‘स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत’ के दूसरे संस्करण की रिपोर्ट को मंगलवार को यहां आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत, सदस्य डा. वीके पॉल, स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने जारी किया। इस रिपोर्ट का आधार वर्ष 2015-16 है और यह रिपोर्ट 2017-18 के लिए है। इसमें दो तरह की रैंकिंग की गयी है जिसमें से एक कुल प्रदर्शन पर आधारित जबकि दूसरा वर्ष दर वर्ष सुधार पर आधारित है।
बीमारू राज्यों की हालत और हुई खराब:
बड़े राज्यों की सूची में कुल प्रदर्शन के मामले में केरल इस रिपोर्ट में भी अव्वल बना हुआ है जबकि आंध्र प्रदेश सात पायदान चढ़कर पंजाब को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल किया है। महाराष्ट्र तीन पायदान चढ़कर तीसरे नंबर पर पहुंच गया जबकि गुजरात चौथे स्थान पर कायम है। पंजाब पांचवे स्थान पर आ गया है और पांचवे स्थान पर रहे हिमाचल प्रदेश छठे स्थान पर पहुंच गया है। जम्मू कश्मीर सातवें स्थान पर पहले की तरह कायम है। कर्नाटक एक पायदान चढ़कर आठवें पर आ गया है। तमिलनाडु तीसरे स्थान से फिसलकर नौवें स्थान पर आ गया है। पश्चिम बंगाल 10वें से फिसलकर 11वें स्थान पर पहुंच गया जबकि तेलंगाना 11 से सुधरकर 10वें स्थान पर पहुंच गया। इसी तरह से छत्तीसगढ़ 12वें स्थान से गिरकर 13वें स्थान पर आ गया जबकि हरियाणा 13 से बढ़कर 12वें स्थान पर पहुंच गया। झारखंड 14वें स्थान पर कायम रहा। उत्तराखंड इस वर्ष 15 वें स्थान से लुढ़कर 17वें स्थान पर पहुंच गया। असम 16वें से सुधरकर 15वें पायदान पर पहुंच गया। मध्य प्रदेश, ओडिशा और बिहार एक एक पायदान उतरकर क्रमश: 18वें, 19वें और 20वें स्थान पर लुढ़क गया। राजस्थान 20वें पायदान से चढ़कर 16वें स्थान पर आ गया। उत्तर प्रदेश इस सूची में सबसे नीचे 21वें स्थान पर यथावत बना रहा।
होगी सघन स्क्रीनिंग, ताकि किया जा सके सुधार:
रिपोर्ट के दूसरे संस्करण में दो वर्षो की अवधि (2016-17 और 2017-18) के दौरान राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को रेखांकित किया जाएगा। स्वास्थ्य संबंधी उपलब्धियां, प्रशासन, प्रक्रिया और नीतिगत हस्तक्षेपों के प्रभाव के संदर्भ में स्वास्थ्य पर एक दृष्टिकोण अपनाया गया है। वि बैंक की तकनीकी सहायता तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है। रिपोर्ट में वाषिर्क सुधार के मामले में हरियाणा अव्वल रहा है। इस मामले में राजस्थान दूसरे, झारखंड तीसरे, आंध्र प्रदेश चौथे, असम पांचवें, तेलंगाना छठें, महाराष्ट्र सातवें, कर्नाटक आठवें, जम्मू कश्मीर नौवें, गुजरात 10वें, छत्तीसगढ़ 11वें, हिमाचल प्रदेश 12वें स्थान पर रहा। इन राज्यों में स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं और उसमें सुधार में सकारात्मक बढोतरी हुई है जबकि ऋणात्तमक बढोतरी के साथ पश्चिम बंगाल 13वें, मध्य प्रदेश 14वें, पंजाब 15वें, केरल 16वें, तमिलनाडु 17वें, ओडिशा 18वें, उत्तराखंड 19वें, उत्तर प्रदेश 20वें और बिहार 21वें पायदान पर रहा है। रिपोर्ट में केन्द्र शासित प्रदेशों के मामले में दिल्ली का कुल मिलाकर प्रदर्शन खराब हुआ है। पिछली रिपोर्ट में दिल्ली इस मामले में तीसरे स्थान पर था जो इस वर्ष फिसलकर पांच पायदान पर आ गया। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और इसमें बढोत्तरी के मामले में दिल्ली नकारात्मक बढोतरी के साथ पांचवे पायदान पर रहा।
राष्ट्रीय टीकाक रण अभियान में सफलता मिली:
श्री कुमार ने कहा कि बड़े राज्यों में केरल, पंजाब और तमिलनाडु समग्र प्रदर्शन के संदर्भ में सर्वश्रेष्ठ तीन राज्य हैं। वाषिर्क आधार पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले तीन राज्यों हरियाणा,राजस्थान और झारखंड शामिल है। यूनिसेफ के सहयोग की तारीफ की गई है। यूनिसेफ की मदद से नवजात शिशु मृत्युदर (एनएमआर), पांच वर्ष से कम की आयु के बच्चों की मृत्युदर, पूर्ण टीकाकरण कवरेज, संस्थानों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं, एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति (पीएलएचआईवी) मानदंडों के संदर्भ में झारखंड, हरियाणा और राजस्थान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन राज्य हैं। छोटे राज्यों में समग्र प्रदर्शन मानदंड के संदर्भ में मिजोरम और मणिपुर क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर रहे। वाषिर्क आधार पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में मणिपुर और गोवा क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर थे। पीएलएचआईवी, प्रसव पूर्व देखभाल (एएनसी) पंजीकरण, सामुदायिक सेवा केन्द्रों (सीएचसी), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के लिए रिपोर्ट देने जैसे मानदंडों में मणिपुर ने वाषिर्क आधार पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। केन्द्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप ने समग्र प्रदर्शन और वाषिर्क आधार पर बेहतर प्रदर्शन, दोनों मानदंडों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। संस्थाओं द्वारा सेवा प्रदान करना, टीबी उपचार सफलता दर और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की धनराशि को लागू करने वाली एजेंसियों तक पहुंचाने जैसे मानदंडों के संदर्भ में लक्षद्वीप ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

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