कोराना वायरस का है तोड़ होम्योपैथी में: डा. सुधीर तोमर

प्रिवेंटिव फामरूला से घट सकती है रोग दर

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , होम्योपैथी का सिद्धांत है शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को सृदृढ़ करना है। बात की जाए विभिन्न प्रकार के वायरस डाक्टर का दावा है कि रोग से पहले हेम्योपैथी में प्रिवेंटिव शतप्रतिशत असरदार है। जिनको कोरोना पोजिटिव पाया गया है उन्हें इस विधा से ली गई औषधियां लेने के कम से कम आधे से एक घंटे में आराम आएगा जबकि 72 घंटे में वायरस को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। बीते दो दशक से विषाणु जनित बीमारियों पर शोध कर रहे सिंधिया हाउस स्थित डा. तोमर क्लीनिक सेंटर के निदेशक डा सुधीर कुमार तोमर ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि दरअसल कुछ वायरस ऐसे पाए जाते हैं तो हवा में तैरते हैं यदि ऐसे वायरस संक्रमित व्यक्ति के शरीर में सक्रिय हो जाते हैं तो सामान्य तौर पर यह देखा गया है कि मौसमी फ्लू तो सप्ताहभर में स्वत: ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन कुछ वायरस जानलेवा होते हैं। विषाणुओं के इस परिवार से हैं कोरोना वायरस यानी कोविड19। कोरोना वायरस की सक्रियता को निष्क्रिय करने के लिए दरअसल, 8 से 12 दवाओं का संयुक्त मिशण्रतैयार किया जाता है जो 24 से 72 घंटे के दौरान वायरस पोजिटिव से निगेटिव दायरें में ला सकता है। इन दवाओं के मिशण्रके परिणाम 99 फीसद तक होंगे। दिल्ली होम्योपैथी बोर्ड से पंजीकृत डा. तोमर ने कहा कि वह बीते दो दशक के दौरान करीब एक लाख से अधिक वायरस डिसआर्डर संबंधी मरीजों को देख चुके हैं, उनमें से कुछ की समरी रिपोर्ट दिखाते हुए उन्होंने कहा कि डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी को सामान्य करना, चिकनगुनिया के मरीज के जोड़ों में घर कर गए बुखार व दर्द से मुक्ति दिलाने के अलावा सभी प्रकार के वायरस से बचाव किया है। उन्होंने कहा कि आर्सेनिक बेलाडोना, रसटोक्स, डलकामारा वायरस से बचाव में काम करती है। लोगों को अगाह किया कि वे कन्फ्यूज्ड न हो होम्योपैथ एर्क्‍सपट्स से परामर्श लें।

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