ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली ,जहां एक तरफ इन दिनों दिल्ली के लोग कोरोना वायरस के खौफ में जी रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दबे पांव स्वाइन फ्लू भी लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। नैदानिक सेवाओं की जांच करने में जुटे वैज्ञानिक भी हैरान है कि चूंकि स्वाइन फ्लू यानी एच1एन1 के लक्षण कोरोना वायरस से मिलते जुलते हैं। फ्लू और निमोनिया अक्यूट होने पर कोरोना पोजिटिव पाया जाता है तो हाई फीवर और तेज सिर दर्द, सांस लेने में तकलीफ होने के लक्षण पाए जाने पर एच1एन1 पोजिटिव की ओर इशारा करते हैं। मैन टू मैन दोनों ही वायरस फैलते हैं दोनों ही जानलेवा है। चौकाने वाले तथ्य ये है कि बीते 18 दिनों में कुल 151 मामले दर्ज किए गए हैं। सचेत रहने वाले तथ्य ये है कि चीन समेत अन्य देशों से यात्रा कर लौटे कई ऐसे संदिग्ध अस्पतालों में जांच कराने स्वाइन फ्लू के लेकिन उनमें कोरोना वायरस पोजिटिव पाए गए।
ऐसे हुआ खुलासा:
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) से प्राप्त आंकडों के मुताबिक बीते 16 फरवरी से 4 मार्च 2020 तक 151 मामले दर्ज किए गए। इनमें 16 फरवरी से 23 फरवरी तक स्वाइन फ्लू के 73 मामले दर्ज किए गए तो वहीं 24 फरवरी से 4 मार्च 2020 के दौरान 78 मामले पाए गए हैं। जो बेहद ज्यादा बताए जा रहे हैं। चिंता वाली बात यह है कि कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू के लक्षण भी लगभग एक समान होने से डाक्टरों के भी पहचान करने में पसीने छूट रहे हैं।
इस वर्ष अब तक मौत नहीं:
राहत वाली बात यह है कि हालांकि अभी तक स्वाइन फ्लू से किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। एनसीडीसी के वैज्ञानक डा. एचसी लाल के मुताबिक इस बार स्वाइन फ्लू भी काफी तेजी से पांव पसार रहा है। प्राप्त आंकडों पर यदि फौरी नजर डाली जाए तो इस साल 1 जनवरी से 4 मार्च तक कुल 304 मामले दर्ज किए गए। इसमें से एक जनवरी से 23 फरवरी तक दिल्ली में स्वाइन फ्लू के कुल 226 मामले दर्ज किए गए थे। अधिकारी ने बताया कि करीब 123 नमूने केंद्रीय लैबोरेटरी में जांच के लिए भेजा गया है। जिनकी रिपोर्ट आने के बाद यह तय है कि स्वाइन फ्लू के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा सकती है। सबसे ज्यादा हैरानी तब हुई थी, जब 2 फरवरी से लेकर 14 फरवरी के बीच दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 109 मामले दर्ज किए गए थे। इन आंकड़ों ने दिल्ली के लोगों के साथ-साथ एनसीडीसी और स्वास्थ्य मंत्रालय की भी चिंता बढ़ा दी थी। चूंकि अब सभी का ध्यान कोरोना वायरस से बचाव पर है, ऐसे में स्वाइन फ्लू दबे पांव फैल रहा है।
एर्क्सपट्स की नजर में:
वीपी पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक डा. राजकुमार के अनुसार यदि बचाव के तरीकों को अपनाया जाए तो स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक देश में स्वाइन फ्लू के 1210 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 18 मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि अभी तक स्वाइन फ्लू के चलते दिल्ली में किसी की मौत नहीं हुई है।
एलर्ट है स्वास्थ्य विभाग:
इस बीच स्वास्थ्य सचिव संजीव खिरवार ने दावा किया कि स्टेट संक्रामक रोग नियंतण्रकक्ष स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है। स्वाइन फ्लू को लेकर फरवरी की शुरु आत में ही अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया था। सभी अस्पतालों को पर्याप्त दवाएं रखने के निर्देश दिए गए हैं। कई मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें कोरोना वायरस की आशंका के चलते भर्ती किया था लेकिन जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद उन्हें एच1एन1 वार्ड में इलाज दिया जा रहा है।