मरीज का दिल था उल्टा, प्रत्यारोपण के बाद मिली, नई जिंदगी

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भारत चौहान नई दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती एक मरीज का हृदय प्रत्यारोपण किया गया है, खास बात यह थी कि इस मरीज का हृदय उल्टा (ट्रांसपोजीशन ऑफ ग्रेट आर्टरी) था। 25 साल के कर्नाटक के शेरॉन को युवा को जयपुर की 23 साल की लड़की का दिल लगाया गया है।
एम्स में ओरबो (ऑर्गन रिट्रीवल बैकिंग ऑर्गनाईजेशन) की प्रमुख प्रो. आरती विज ने बताया कि 23 साल की युवती को जयपुर के एक अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित किया गया था, इसकी जानकारी रविवार शाम को मिली थी। युवती सड़क हादसे का शिकार हुई थी। सूचना के बाद कार्डियक सर्जन डॉ. मिलिंद पी होते इंडिगो की फ्लाइट से सुबह 10 बजकर पचास मिनट पर लेकर आये, इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया। जिस वजह से हृदय महज 20 मिनट के अंदर एम्स पहुंच गया। 12 बजे एम्स में डा. देवगुरु और डा. राजशेखरन ने मिलकर इस मरीज का हृदय प्रत्यारोपण किया।
जेनेटिक होती है यह बीमारी
डॉ. मिलिंद होते ने बताया कि ट्रांसपोजीशन ऑफ ग्रेट आर्टरी बीमारी जेनेटिक होती है, यह 100 हृदयरोगियों में से 5 को होती है। शेरॉन नाम के जिस मरीज का हृदय प्रत्यारोपण हुआ है, उसके साथ दिक्कत यह थी कि उसका पहले भी तीन साल पहले हार्ट का ऑपरेशन हो चुका था। ऐसे में उसका दोबारा ऑपरेशन करना जोखिम भरा था। वहीं शेरॉन के पिता संतन ने बताया कि एक बारगी तो उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन एम्स के डॉक्टरों के कारण उनके बेटे को नई जिंदगी मिली। शेरॉन मूलत: कर्नाटक का रहने वाला है।

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