ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली लेडी हाडिर्ंग मेडिकल कलेज न सिर्फ दिल्ली, बल्कि केंद्र सरकार का भी सबसे पुराना चिकित्सीय संस्थान है। वहां लंबित पड़े विकास कार्यों के बारे में सरकार को जानकारी है, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों की वजह से कार्य रुके पड़े हैं। ये कहना है केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अिनी कुमार चौबे का। सोमवार को होटल ताज पैलेस में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद मंत्री चौबे ने कहा कि भूख हड़ताल करने वाले डक्टरों की परेशानी को सरकार समझती है। जल्द ही उन्हें इस परेशानी से छुटकारा दिलाया जाएगा। डाक्टरों की हड़ताल से सरकारी प्रक्रिया को एक या दो दिन में पूरा नहीं किया जा सकता। चूंकि लेडी हाडिर्ंग मेडिकल कलेज में हर दिन हजारों मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। इसलिए वहां के डाक्टरों को इस तरह के प्रदर्शन नहीं करने चाहिए। श्री चौबे का कहना है कि वे इस बारे में कलेज प्रबंधन से भी चर्चा करेंगे।
क्या है मामला:
पिछले कई वषोर्ं से कनट प्लेस स्थित लेडी हाडिर्ंग मेडिकल कलेज में चार से ज्यादा इमारतों का निर्माण कार्य रुका पड़ा है। ठेका कंपनियों की लापरवाही के कारण ये इमारतें बनने से पहले ही जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी हैं। ऐसे में डक्टरों के कई बार मांग करने पर भी केंद्र सरकार ने संज्ञान नहीं लिया। इसके चलते रविवार को फेडरेशन अफ रेजीडेंट डक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार से शुरू करने का फैसला लिया। फोर्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. विवेक चौकसे का कहना है कि श्री चौबे से लेकर सरकार तक सभी को जनता के इन करोड़ों रुपये की बर्बादी के बारे में जानकारी है। बावजूद इसके चार साल बाद भी कोई निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार ठोस कार्य नहीं करेगी, लेडी हाडिर्ंग मेडिकल कलेज के रेजीडेंट डक्टरों और चिकित्सीय विद्यार्थियों की हड़ताल जारी रहेगी। मंगलवार से कालेज परिसर में करीब 300 डाक्टर व विद्यार्थी एक साथ भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं।