सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में शत प्रतिशत कामकाज को ‘ऐतिहासिक बताया

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भारत चौहान नयी दिल्ली, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद के 18 नवंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताया और कहा कि लोकसभा में कामकाज 115 प्रतिशत एवं राज्यसभा का कामकाज 100 फीसदी रहा जहां नागरिकता संशोधन विधेयक, लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में एससी-एसटी आरक्षण को दस साल बढाने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक, ई सिगरेट पर पाबंदी के प्रावधान वाले विधेयक सहित 15 विधेयक पारित हुए। संसदीय कार्य मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि सत्र के दौरान दोनों सदनों की 20 बैठकें हुई तथा 18 सरकारी विधेयक पुन:स्थापित हुए और कुल मिलाकर 14 विधेयक पारित हुए। राज्यसभा में 15 विधेयक पारित हुए। उन्होंने बताया कि संसद के दोनों सदनों में 15 विधेयक पारित हुए जो अधिनियम बन जायेंगे। जोशी ने कहा कि सत्र के दौरान दोनों सदनों में वर्ष 2019.20 के लिये अनुपूरक अनुदान की मांगों के पहले बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक पर चर्चा हुई और इस दौरान सदस्यों ने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अपनी बात रखी तथा वित्त मंत्री ने जवाब दिया। संवाददाता सम्मेलन में संसदीय कार्य राज्य मंत्री अजरुन राम मेघवाल तथा वी मुरलीधरन भी मौजूद थे। जोशी ने हालांकि कहा कि लोकसभा में जब अध्यक्ष ओम बिरला अपना वक्तव्य पढ रहे थे तब कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी करके बाधा पहुंचायी जो खेदजनक है। मंत्री ने बताया कि सत्र के दौरान नागरिकता संशोधन विधेयक, लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में एससी-एसटी आरक्षण को दस साल बढाने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक, ई सिगरेट पर पाबंदी संबंधी विधेयक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अप्राधिकृत कालोनी निवासी संपत्ति अधिकार मान्यता विधेयक, विशेष संरक्षा समूह संशोधन विधेयक और ट्रांसजेंडर विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गये। जोशी ने बताया कि दोनों सदनों में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर तथा राज्यसभा में वॉट्सएप के जरिये कुछ व्यक्तियों के फोन डेटा को जोखिम में डालने के विषय सहित कुछ विषयों पर अल्पकालिक चर्चा हुई। इसके अलावा भारतीय राजनीति में राज्यसभा की भूमिका पर एक विशेष चर्चा उच्च सदन में हुई तथा संविधान को अंगीकार किये जाने के 70 वर्ष पूरा होने का स्मरणोत्सव मनाने के लिये 26 नवंबर को केंद्रीय कक्ष में विशेष समारोह आयोजित किया गया ।

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