थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए दौड़े लोग, मरीज भी रहे साथ

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली,थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए रविवार को दिल्ली के केंद्र कहे जाने वाले राजीव चौक पर लोगों ने दौड़ लगाई। डॉक्टरों के अनुसार थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रक्तविकार है, जिसमें शरीर में हीमोग्लोबीन का निर्माण नहीं होता या बहुत कम होता है। ऐसे में मरीज को जीवित रहने के लिए बार बार खून चढाना पडता है। चिंताजनक यह है कि भारत में इसके मरीजों की संख्या एक लाख से भी ज्यादा है। डॉक्टरों का मानना है कि इस बीमारी की सही जानकारी और जागरु कता ही इसकी रोकथाम का मार्ग है। नारची की दिल्ली शाखा एवं सफदरजंग अस्पताल की इस संयुक्त पहल में सेंकड़ों थैलेसीमिया ग्रस्त मरीज भी जुड़े।
दौड़ में शामिल लोगों के हाथों में पोस्टर बैनर थे जिस पर थैलेसीमिक पीड़ितों के उपचार के सरकार से नीतिगत फैसले लेने, दवाएं, इलाज पर हर माह होने वाले ब्लड ट्रांसफ्यूजन के रूप में खर्च को मुफ्त करने संबंधी स्लोगन लिख हुए थे। इसमें मरीजों के साथ ही उनके परिजन भी शामिल थे।
नारची संगठन की अध्यक्ष डा. अचला बत्रा ने बताया कि थैलेसीमिया रोग पूरी तरह से बचाव योग्य है। लेकिन पूरी जानकारी न होने के कारण देश में इसके कारण हजारों लोग बीमार हैं। थैलेसीमिया से भारत को मुक्त करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी जागरु कता लाना है। तभी इस पर नियंतण्रपाया जा सकता है। सफदरजंग अस्पताल की प्रसूति रोग विभाग की डा. दिव्या के अनुसार गर्भावस्था के दौरान कुछ मेडिकल जांच की मदद से गर्भ में मौजूद शिशु के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। इस जांच के बाद बच्चे के थैलेसीमिया ग्रस्त होने अथवा नहीं होने का पता चल सकता है। उन्होंने बताया कि सफदरजंग अस्पताल में हर दिन कई बच्चे ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए आते हैं। इनकी बढ़ती संख्या बीमारी को लेकर गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। इस मौके पर नगर निगम के स्वास्थ्य निदेशक डा. प्रेम शर्मा बतौर मुख्यअतिथि के रु प में उपस्थित रहे। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से डा. विनीता श्रीवास्तव, शोभा तुली, डा. प्रतिमा मित्तल, डा. मोनिका गुप्ता मौजूद रहीं। कार्यक्रम के दौरान क्रिकेटर सुरेश रैना की पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता प्रियंका चौधरी रैना भी मौजूद रहीं।

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