टेरर कोविड-19: हेलो..हेलो, इज इट कोरोना कंट्रोल रूम! -डाक्टर साहब मुझे खांसी आ रही है, कहीं मुझे कोरोना तो नहीं

दिल्ली नियंतण्रकक्ष में 10 मार्च 17 मार्च के मध्य हजार से अधिक कॉल - दो दिनों में ही 550 लोगों ने की कॉल - कैट्स को भी 7 दिन के भीतर 109 से ज्यादा कॉल हुई

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , हेलो..हेलो, इज इट कोरोना कंट्रोल रूम, स्वास्थ्य विभाग के कोरोना वायरस कंट्रोल रूम से बोल रहे हैं। मेरे सिर में तेज दर्द, हाई फीवर है तो मेरी बहन को तेज खांसी और जुकाम और सिरदर्द हो रहा है। ये कहीं कोरोना के लक्षण तो नहीं है, मुझे कोरोना वायरस तो नहीं हुआ। हम ऐसी सूरत में कहां पर इसकी जांच करवा सकते हैं। आरएमएल हास्पिटल में गए थे वहां तो पहले से संदिग्धों की लंबी लाईन है, दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल की इमरजेंसी के डाक्टरों ने कहा कि यह जांच तो आरएमएल या सफदरजंग अस्पताल में ही होगी। यदि इन दोनों अस्पतालों में लंबी लाईन है तो आप लेडी हार्डिग हास्पिटल में बने पृथक केंद्र में जांच करा सकते हैं। कुछ ऐसे ही सवाल इन दिनों एक के बाद एक स्वास्थ्य विभाग के स्टेट हेड क्वार्टर कंट्रोल रूम में सुनने को मिल रहे हैं। रोजाना एक के बाद एक 200 से ज्यादा कॉल हेडक्वार्टर को की जा रही हैं।
न डरे न ही छुपाएं:
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में लोग कोरोना वायरस को लेकर काफी डरे हुए हैं और आने वाले दो से तीन हफ्ते काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं। ऐसे में लोग सर्दी-जुकाम होने पर भी कंट्रोल रूम में फोन करके कोरोना वायरस की जानकारी ले रहे हैं और साथ ही कहां से जांच करवा सकते हैं, यह भी पूछ रहे हैं। अगर 10 मार्च से 17 मार्च तक के कॉल डेटा की बात की जाए तो इन 7 दिनों में कंट्रोल रूम में 1003 लोगों ने फोन किया है। उनके बात करने के लहजे से ही समझा जा सकता था कि वह कितने डरे हुए हैं। बड़ी बात तो यह है कि इसमें से आधे से ज्यादा कॉल 14 और 15 मार्च को की गई है। इस दौरान यानी सिर्फ 48 घंटे में 550 लोगों ने फोन किया है। फोन पर लोगों को ना डरने न ही लक्षण को छुपाने की सलाह दी गई और बताया गया कि इसके क्या-क्या लक्षण हैं। यदि उनमें कुछ ऐसे लक्षण हैं तो वह कहां-कहां जाकर जांच करवा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि कोरोना दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है और देश में भी इसके मामले बढ़ने लगे हैं। ऐसे में लोगों का डरना वाजिब है लेकिन सावधानी और जागरूकता भी बेहद जरूरी है। यदि सावधानी बरती जाए तो इससे बचा जा सकता है।
कैट्स को भी आ रही कॉल:
कैट्स से मिली जानकारी के मुताबिक कैट्स की ओर से 25 एंबुलेंस कोरोना वायरस के पॉजीटिव, संदिग्ध मरीजों को लाने-ले जाने के लिए लगाई गई हैं। ऐसे में 10 मार्च से लेकर 17 मार्च तक कैट्स को 109 से ज्यादा लोगों ने कॉल किया है और घर से अस्पताल ले जाने को कहा है। हालांकि इनमें से कुछ लोग ऐसे थे जिन्हें कोरोना नहीं था बल्कि सामान्य बुखार था लेकिन वह इतना डर चुके हैं कि सामान्य सदी-जुकाम को कोरोना समझ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं क वरिष्ठ अधिकारी डा. एसएम रहेजा ने कहा कि हम हर स्तर पर लोगों को पोजिटिव रेस्पांस दे रहे हैं। सही सलाह, सावधानी ही फिलहाल इसका सटीक व सशक्त उपचार साबित हो सकता है।

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