ज्ञान प्रकाश के साथ भारत चौहान नई दिल्ली,राजधानी के मौसम में बदलाव का सिलसिला शुरू होते ही बीमारियों का आतंक भी छाने लगा है। जहां एक ओर स्लोमोशन में स्वाइन फ्लू लोगों को अपना शिकार बना रहा है। वहीं डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या भी अस्पतालों में दिखाई देने लगी है। जानकारों की मानें तो आने वाले समय में इन बीमारियों की पहुंच बढ़ सकती है। इसलिए लोगों को पहले से ही सतर्कता बरतनी होगी।
बत्रा अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर में मेडिसिन यूनिट डा. जूही धर के अनुसार सर्दी-गर्मी के बीच एच1एन1 के वायरस और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं। ये मौसम इनके लिए सबसे ज्यादा अनुकूल रहता है। इसलिए लोगों को इस वक्त बुखार और खांसी को लापरवाही से नहीं लेना चाहिए। तीन दिन से ज्यादा बुखार और सर्दी भारी दिक्कतें दे सकती है। इसके साथ ही सिर और जोड़ों में दर्द की आशंका भी बढ़ जाती है। डा. मेघा काबरा के अनुसार दिल्ली में स्वाइन फ्लू का बहुत धीमा असर दिखाई दे रहा है। लेकिन गौर करने वाली बात है कि पिछले वर्ष जुलाई से सितंबर के बीच भी इस तरह के केस दिल्ली में देखने को मिले थे। इसकी वजह स्वाइन फ्लू का नया स्ट्रेन मिशिगन था। उन्होंने लोगों से अपील की है कि स्वास्थ्य को गंभीरता से लेकर समय रहते इस जानलेवा बीमारी पर जीत हासिल की जा सकती है।
हालिया रिपोर्ट:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में इस साल करीब 40 लोगों को एच1एन1 के लक्षण मिलने के बाद अस्पताल में भर्ती किया है। जबकि इनमें से एक मरीज की मौत पिछले महीने नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार देश में जनवरी से लेकर 18 मार्च तक 1511 मरीज अस्पताल में दाखिल हो चुके हैं। जबकि इनमें से 149 मरीज स्वाइन फ्लू की वजह से दम तोड़ चुके हैं।
उत्तरी दिल्ली ने डेंगू का खोला खाता:
स्वाइन फ्लू के अलावा दिल्ली में डेंगू का असर भी अब दिखाई देने लगा है। इस महीने की बात करें तो उत्तरी दिल्ली इलाके में डेंगू के मामले पाए गए हैं। सोमवार को आई एमसीडी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन महीनों के भीतर 10 लोगों को डेंगू हुआ है। जबकि 150 से ज्यादा मरीजों को संदिग्ध स्थिति में भर्ती किया था। इन्हीं महीनों के बीच मलेरिया के तीन मरीज भी दर्ज हुए हैं।