भारत चौहान नई दिल्ली,
दिल्ली के विधायक और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा और तख्त श्री पटना साहब प्रबंधक कमेटी के प्रधान अवतार सिंह हित ने दिल्ली विधानसभा के स्पीकर की तरफ से सदन की मर्यादा बरकरार रखने में असफल रहने पर राजीव गांधी से भारत रत्न वापिस लेने का प्रस्ताव पास न होने के दिए बयान के लिए उन को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की और कहा कि प्रस्ताव के पास हो चुका है जो कि अब विधान सभा रिकार्ड का हिस्सा है।
यहां एक प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए सिरसा, हित और डी.एस.जी.एम.सी. के अन्य मैंबरों ने कहा कि ‘आप’ सरकार ने राजीव गांधी के भारत रत्न का मामला सिर्फ इसलिए उठाने का प्रयत्न किया, जिससे वह सदन में 1984 के सिख हत्याकांड के पीडि़त परिवार के सिरसा की तरफ से उठाए मुद्दा का मुकाबला कर सके। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय है कि सदन की कार्यवाई की वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि विधायक जरनैल सिंह ने भारत रत्न वापस लेने की मांग का प्रस्ताव पढ़ा, जिस बाद में स्पीकर ने इस पर वोटिंग करवाई और इसको पास करार दिया परन्तु अब वह कह रहे हैं कि ऐसी संशोधन पास नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पास हो चुका है और अब यह विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि स्पीकर अब ऐसा झूठ बोलने इस लिए बोल रहे हैं क्योंकि आप की तरफ से अलका लांबा को बली का बकरा बनाने की योजना ठुस्स हो गई है क्योंकि उसने योजना का एहसास होने पर अपना टवीट डलीट करके कांग्रेस को खुश करने के लिए नया टवीट डाल दिया कि वह प्रस्ताव के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि यह सारी कार्यवाही प्रस्ताव के पास होने के बाद और इसके पास होने की खबर फैलने पर 10 जनपथ से फोन आने के बाद शुरू हुई।
सिरसा, हित और अन्य नेता ने कहा कि हैरानी वाली बात यह है कि अन्य के इलावा सिख विधायक जनरल सिंह जिसने खुद प्रस्ताव पेश करके पढ़ा, अब मामला पर झूठ बोल रहे हैं और गांधी परिवार का बचाव करने का प्रयत्न कर रहे हैं जबकि वह खुद स्वीकृत करते हैं कि राजीव गांधी सिख का हत्यारा है, जिसने 1984 के सिख हत्याकांड को जायज ठहराया थी। उन्होंने कहा कि हैरानी तो इस बात की है कि सिख कौम न गद्दारी करने के बाद अब वह सिख संगत का सामना कैसे करेंगे और गुरुद्वारा साहिबान में कैसे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह लोग जो एक प्रस्ताव जो कि रोश प्रगटावे का संकेत मात्र था, के मामले पर स्टैंड नहीं ले सकते तो फिर यह पीडि़तों और उनके परिवारों के लिए न्याय के लिए कैसे डट सकते हैं? उन्होंने कहा कि अब एस.आई.टी. बनाने की योजना भी बेनकाब हो गई है और स्पष्ट हो गया है कि यह राहुल गांधी के हुक्मों पर राजीव गांधी, सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और अन्य दोषियों को क्लीन चिट देने के लिए एस.आई.टी. को एक साधन के तौर पर ईस्तेमाल करना चाहते थे।
सिरसा ने श्री केजरीवाल को यह भी कहा कि वह लोगों को बताए कि राहुल गांधी के साथ उन का क्या ‘सौदा’ हुआ है और वह कैसे गांधी परिवार और 1984 के सिख हत्याकांड के ओर दोषियों का बचाव करेंगे।
इस दौरान डी.एस.जी.एम.सी. ने एक प्रस्ताव स्वीकृत करके केजरीवाल सरकार की तरफ से प्रस्ताव के पास न हुआ करार देने के प्रयत्नों की जोरदार निंदा की। श्री सिरसा ने कहा कि पास हुए प्रस्ताव को रद्द करवाने का एक ही विधि नया प्रस्ताव लाना है और यदि केजरीवाल सरकार ऐसा कोई प्रयत्न करेगी तो वह इसका पुरजोर विरोध करेंगे और जरूरत पडऩे पर विधानसभा के नियम, कानून, रवायतों और कार्यवाही सब कुछ भंग करने से गुरेज नहीं करेंगे।