राजधानी के सात अस्पताल कोरोना की जद में! -अब तक संक्रमित हो चुके हैं 450 से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स

क्षमता से कई गुना ज्यादा काम, स्ट्रेस फुल लंबी ड्यूटी दिल्ली में कोरोना सेंटर के बाहर थक कर बैठा हेल्थकेयर कर्मचारी

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, राजधानी में बीते एक पखवाड़े के दौरान प्राप्त आंकडों पर यदि गौर किया जाए तो राजधानी में कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए अपडेट किए गए कुल अस्पतालों में से 7 सराकरी अस्पताल ऐसे हैं जहां पर कार्यरत कम से 50 डाक्टरों समेत करीब 400 से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स कोरोना वायरस संदिग्ध श्रेणी में आ चुके हैं। इन अस्पतालों में एक तो मरीजों का दबाव ज्यादा है, साथ ही संदिग्धों की पहचान करने में इस्तेमाल की जाने वाली नैदानिक पण्राली की स्थित संतोषजनक नहीं है। वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार नतजीतन इन्हें हॉटस्पॉट/कंटेनमेंट जोन की जद में रखा जा सकता है।
ये है जद में:
सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल, जीटीबी हास्पिटल, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, रावतुला राम अस्पताल, डा. अंबेडकर हास्पिटल, हिंदुराव अस्पताल के नाम शामिल है। स्वास्थ्य अधिकारियों की नजर में इस अस्पताल में हर दिन संक्रमित होने वाले डाक्टरों, नर्सिग स्टाफ और क्वरांटाइन में भेजे जाने वालों के हेल्थ की स्थिति का आकलन कर रहा है।
इन अस्पतालों में क्वारंटीन पर भेजे गए 400 हेल्थ वर्कर्स में से 23 डाक्टर जबकि 156 फ्रंटलाइन वर्कर्स पोजिटिव पाए जा चुके हैं। अन्य 291 को क्वारंटीन पर भेजा गया है।
सफदरजंग की स्थिति है नाजुक:
सफदरजंग अस्पताल कोरोना वायरस का नया हॉटस्पॉट बनता दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों में गायनी विभाग के 4 स्टाफ इस वायरस के शिकार हो चुके हैं। वहीं, कई लोगों को क्वरंटीन किया गया है। मरीजों को दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट किया है। यहां पर एडमिट गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों की भी जांच कराई जा रही है। संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए फिलहाल गायनी विभाग के एक आईसीयू को सील कर दिया गया है और इसका सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार एक गर्भवती महिला गंभीर हालत में गायनी इमरजेंसी वॉर्ड में इलाज के लिए पहुंचीं थीं। महिला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उनकी सिजेरियन डिलिवरी कराई थी, लेकिन डिलिवरी के बाद महिला में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हई, जिसकी वजह से इस सर्जरी में शामिल 11 डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ को क्वारंटीन किया गया है। लेकिन कुछ दिन बाद ही इलाज में शामिल दो डॉक्टर और फिर एक नर्स संक्रमित पाई गई और एक ट्रेनी डॉक्टर भी इसका शिकार हो गया।

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