यूएसए, चीन और इटली के बाद अब दिल्ली के एम्स में कोरोना वायरस संक्रमण मुक्ति के लिए रोबोट की मदद!

कीटाणुओं को खत्म करने के साथ ही मरीज डाक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण फैलाव रोकने में है सक्षम

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली,महामारी कोरोना वायरस ही नहीं अन्य प्रकार के जमीन और हवा में सक्रिय विषाणुओं को खत्म करने के लिए अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मदद ईमैप-9 और ह्यूमनॉइड ईएलएफ करेंगे। यह सुनने में अजीब है लेकिन जी हां। यह सच है कि दरअसल, ईमैप-9 और ह्यमूनॉइड ईएलएफ नाम के दो रोबोट हैं। द विंसी विधि से रोबोटिक्स ब्रैंड मिलाग्रो द्वारा निर्मित इन रोबो का इस्तेमाल जल्द ही एम्स के उन विभिन्न वाडरे, आईसीयू, सीसीयू में प्रारंभ हो जाएगा जो संक्रमण के लिहाज से अति संवेदनशील यानी की रेड जोन घोषित किए गए हैं। खास यह कि रोबो स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना वायरस संक्रमित रागियों के बीच शारीरिक दूरी को बढ़ावा देने में कारगर साबित होगा। हालांकि कोविड-19 पेशेंट और डाक्टरों को सोशल डिस्टेंसिंग भी यथावत करनी होगी।
संक्रमण के फैलाव रोकने में मददगार:
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), चीन और इटली जैसे देशों ने कोविड-19 रोगियों के इलाज में मानवीय हस्तक्षेप कम करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में पहले ही एआई-बेस्ड रोबॉटों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। एम्स में भी एडतियाती उपायों के बीच शारीरिक दूरी को बढ़ावा देने में मदद के लिए इस विधि का प्रयोग किया जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह के अंत तक इन्हें स्थापित कर दिया जाएगा।
फर्श को करेगा कीटाणुमुक्त:
खास यह भी है कि आईमैप 9 फर्श को कीटाणुरहित करने वाला रोबॉट है जो कि ऑटोमेटिक काम करता है। इसमें सोडियम हाइपोक्लोराइट का घोल इस्तेमाल होता है जिससे रोबॉट फर्श की सतह को साफ करता है। यह रोबॉट एलआईडीएआर द्वारा गाइडेड और एडवांस एसएलएएम टेक्नोलॉजी से लैस है जो रोबॉट को कहीं टकराने और गिरने से रोकती है।
डॉक्टरों की होगी मदद:
मिलग्रो के संस्थापक चेयरमैन राजीव कारवाल ने कहा कोरोना महामारी से लड़ने के प्रयास में एम्स की मदद करने को लेकर मिलग्रो रोबॉट्स रोगमुक्त क्षेत्र घोषित करने में असरदार है। इन रोबॉट में मिलग्रो की पेटेंटेड रियल टाइम टैरेन रिकॉग्निशन टेक्नलॉजी (आरटी2आरटी) है जो फ्लोर की मैपिंग पल भर (सेकेंडों) में करती है। मिलग्रो ह्यूमनॉइड ईएलएफ डॉक्टरों को बिना व्यक्ति-से-व्यक्ति के संपर्क से संक्रामक कोविड-19 रोगियों की निगरानी और बातचीत में सक्षम है।
अन्य सहुलियतें:
डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायलॉजी के एक वरिष्ठ डाक्टर ने कहा कि आइसोलेशन वार्डों में ऊब रहे रोगी इस रोबॉट के माध्यम से समय-समय पर अपने रिश्तेदारों से बातचीत कर सकते हैं। इसमें हाई डेफिनेशन वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है। आठ घंटे के बैकअप बैटरी है। यह रोबॉट 2.9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है। यह 92 सेंटीमीटर लंबा है और इसमें 60 से अधिक सेंसर्स, एक 3डी और एक एचडी कैमरा, और 10.1 इंच की डिस्प्ले है। इसमें आंखें भी लगी हैं

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