कोरोनावायरस के संक्रमण से प्रभावित संदिग्धों के लिए एम्स में अलग वार्ड

जरूरत पड़ी तो बिस्तरों की संख्या बढ़ाएंगे: डा. गुलेरिया

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकर शुक्रवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रशासन ने नए कोरोना वायरस) से संक्रमित होने के किसी भी संदिग्ध मामले के सामने आने पर इलाज मुहैया कराने के लिए एक अलग वार्ड बनाया है। अति सघन कक्ष (आईसीयू) से लैस ऐसे विंग के आसपास एक भी संदिग्ध आने की सूरत में वहां लोगों का प्रवेश तय मानदंडों के सुरक्षा कवच के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। वहां बिस्तर तैयार रखे गए हैं। नया कोरोना वायरस (एनसीओवी) विषाणुओं की ऐसी प्रजाति से आता है जिसके कारण सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर सांस संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। खास बात यह है कि चीन में अब तक 25 लोगों की जान ले चुका यह विषाणु नया है और इसे पहले नहीं देखा गया। चीन में इससे अब तक 830 लोग प्रभावित हो चुके हैं।
वि स्वास्थ्य संगठन की एडवाइजरी के बाद तैयारी:
यह चीन के वुहान शहर के सी-फूड एवं पशु बाजार से फैला और संदेह है कि इसका प्रसार अमेरिका तक हो चुका है। वि स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक नए कोरोनावायरस के लक्षणों में बुखार, कफ, सांस संबंधी समस्याएं शामिल हैं। एम्स के निदेशक एवं प्लूमनरी एवं फेफेड़ों मामले यूनिट के अध्यक्ष डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा दिल्ली या भारत में कहीं से भी आने वाले कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की देखभाल और इलाज के लिए हमारे यहां एक अलग वार्ड बनाया गया है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया मुंबई एअरपोर्ट पर दो कारोना वायरस लक्षण वाले मरीजों की पहचान की गई है। लेकिन उन्हें अभी पोजिटिव श्रेणी में नहीं रखा गया है।
संक्रमण नियंतण्रसुविधा के लिए अस्पताल की तैयारियों की भी समीक्षा:
संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्यकर्मिंयों की सुरक्षा के लिए उपकरणों समेत सभी एहतियाती उपाय किये गए है। डा. गुलेरिया ने कहा कि प्रबंधन और संक्रमण नियंतण्रसुविधा के लिए अस्पताल की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा अगर जरूरत पड़ी तो हमारे पास अलग वार्ड को बढ़ाने और ऐसे मरीजों के इलाज की सुविधा है। इस वार्ड में देखरेख करने वाले संदिग्धों के डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चूंकि यह वायरस हवा में एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। इसलिए हम किसी भी स्तर पर चूक नहीं करेंगे।
रोकथाम के लिए एलर्ट:
ऐहतियाती उपाय के तहत लोगों को हाथ की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सफर करने पर मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुखार, कफ और कमजोरी से ग्रस्त किसी भी व्यक्ति को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना चाहिए। डा. गुलेरिया ने कहा कि इस खतरनाक विषाणु से निपटने के लिये फिलहाल कोई तय इलाज, एंटीबायोटिक या दवा उपलब्ध नहीं है और सिर्फ निमोनिया का सहायक इलाज ही किया जाता है। इसके लिये निवारक दवा रणनीतियों को अपनाना चाहिए।

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