नकली हेल्मेट्स के खिलाफ सचिन तेंदुलकर का हल्ला बोल.परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लिखा पत्र

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अर्शकौर नई दिल्ली, एक बार फिर से क्रिकेट के महान खिलाड़ी और राज्यसभा सदस्य सचित तेंदुलकर ने दोपहिया सवारियों की सुरक्षा के लिए जारी अभियान को आगे बढ़ाने के प्रयास का समर्थन किया है और इसे एक उत्साहपूर्ण कदम करार दिया है। एक लिखित नोट में, सचिन तेंदुलकर ने परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से नकली हेल्मेट निर्माताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए आग्रह किया है।

परिवहन मंत्री को संबोधित पत्र में तेंदुलकर ने दोपहिया वाहन चालकों से जुड़े दुर्घटनाओं की सामने लाने में अहम भूमिका निभाई और बताया है कि यह कैसे इतना महत्वपूर्ण है कि दोपहिया वाहन चालक के लिए सुरक्षा उपकरण उच्चतम गुणवत्ता का होना जरूरी है ताकि हादसे के समय उनके सिर की प्रभावी सुरक्षा संभव हो सके।

इस विचार प्रक्रिया के अनुरूप और सचिन तेंदुलाकर के प्रयासों के समर्थन में, आईएसआई हेलमेट मैन्युफैक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राजीव कपूर ने कहा कि ‘‘हमें खुशी है कि सचिन तेंदुलकर ने इस पहल को नए सिरे से उठाया है। क्रिकेट की इस महान हस्ती के इस अभियान के समर्थन में आने से हम बाजार में नकली हेलमेट को पूरी तरह से बाहर करने के हमारे उद्देश्य को प्राप्त करने से दूर नहीं हैं।’’

भारत में वर्तमान स्थिति के अनुसार टू-व्हीलर सवारों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 75 प्रतिशत से 80 प्रतिशत हेलमेट आईएसआई मानकों से मेल नहीं खाते हैं। और यह एक खतरनाक संख्या है क्योंकि बाजार में ऐसे हेलमेट की बाढ़ आई हुई है जो कि सडक़ों पर मौत बांट रहे हैं। ये एक तथ्य है कि सडक़ पर होने वाले हादसों में दोपहिया सवारों की मौत का सबसे बड़ा कारण सुरक्षा मानकों से समझौता है। अगर सवारों ने मजबूत और आईएसआई मार्का हेलमेट पहने हों तो उनकी जान को बचाने में सफलता मिल सकती है।

इस तथ्य के बावजूद कि हेलमेट पहनना सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक अच्छा तरीका है; हमारे देश में, सवार इसे बहुत हल्के से लेते हैं और इसलिए सस्ते हेलमेट खरीदते हैं और सडक़ पर अपनी सुरक्षा से समझौता करते हैं। और दुर्भाग्य से, इससे स्थिति और बिगड़ती है और घटिया हेलमेट निर्माताओं को जन्म दे रही है।

उद्योग मानकों और विनिर्देशों के अनुसार एक हेलमेट का निर्माण करने के लिए, न्यूनतम लागत 300-400 रुपये है। ऐसे में तय मानकों के अनुसार हेलमेट का निर्माण करने के लिए यह व्यवहारिक नहीं है। ऐसे में एक तय मानकों के अनुसार हेलमेट का निर्माण 500 रुपए से कम में करना संभव नहीं है। और यह कीमत का अंतर है जो सस्ते और नकली उत्पादों के साथ हेलमेट बाजार के लगातार विस्तार को प्रोत्साहित करता है।

सचिन तेंदुलकर ने शानदार काम किया है क्योंकि उन्होंने अपने पत्र में हेलमेट सुरक्षा और गुणवत्ता के मुद्दे को उठाया है। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि ‘‘मैं आपको अनुरोध पत्र लिख रहा हूं कि ऐसे हेलमेट निर्माताओं के खिलाफ स त कार्रवाई की जाए जो कि खराब गुणवत्ता वाली सामग्री का इस्तेमाल कर और नकली आईएसआई चिह्न के साथ निर्माण कर बेच रहे हैं। एक खिलाड़ी के रूप में, हम मैदान पर खेलने के लिए जाते समय उच्च-गुणवत्ता वाले सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने के महत्व को समझते हैं। उन्हीं समान मूल उच्च-गुणवत्ता मानकों का भी पालन किए जब बात भारत में दोपहिया सवारों द्वारा उपयोग किए जाने वाले हेलमेट्स की बात हो।

सडक़ सुरक्षा के लिए एक सक्रिय अभियान के रूप में, तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पोस्ट्स में ट्रैफिक सिग्नल बंद होने के दौरान लोगों को हेलमेट का इस्तेमाल करने के लिए संदेश दिया है और काफी लोग इससे प्रभावित भी हुए हैं। माना जाता है कि सरकार गैर-आईएसआई या नकली आईएसआई को हेलमेट निर्माताओं के लिए दंडित करने पर विचार कर रही है और अच्छी खबर की बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है।

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