आरएमएल हास्पिटल: टनल से जुड़ेगा पीजीआईएमईआर और सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ -अस्पताल के रिडेवलपमेंट प्लान में शामिल है यह यह योजना -उम्मीद है अगले साल तक शुरू होगा काम

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अब जल्द ही काफी सारी नई चीजें देखने को मिलेंगी क्योंकि अस्पताल के रिडेवलपमेंट प्लान के तहत कई नए कार्य किए जा रहे हैं जो आने वाले समय में अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके तिमारदारों के लिए काफी सहायक साबित होने वाले हैं। करीब 50 करोड़ वाली इस प्लान में एक प्रमुख प्लान टनल (सुरंग) बनाने है जो पीजीआईएमईआर को सड़क के उस पार पड़ने वाले सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ से जोड़ेगी। सेंटर फॉर एक्सीलेंस आरएमएल अस्पताल से सड़क के दूसरी तरफ गोल चक्कर के पास है जहां से रोजाना भारी ट्रैफिक गुजरता है।
अस्पताल से सेंटर फॉर एक्सीलेंस जाने के लिए डॉक्टरों, मरीजों और उनके तिमारदारों को काफी रिस्क लेना पड़ता है। इसे देखते हुए दोनों जगहों को जोड़ने वाली टनल बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. वीके तिवारी ने बताया कि डॉक्टरों और मरीजों की सुविधा के लिए ही रिडेवलमपेंट योजना की फू लप्रूफ तैयारी कर ली है। योजना के तहत काफी सारे प्रस्ताव हैं जिनमें से टनल मुख्य है। चूंकि यह सेंट्रल दिल्ली है और यहां गाड़ियों की काफी आवाजाही रहती है, इसलिए अस्पताल से सेंटर फॉर एक्सीलेंस जाना मुश्किल हो जाता है। लोगों को ट्रैफिक रूकने का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में कई लोग चलती गाड़ियों के बीच से ही सड़क पार करने की कोशिश करते हैं जो काफी रिस्की है। कई मामले दुर्घटनाओं के भी आते रहे हैं। कोई भी बड़ा हादसा न होने देने की संभावनाओं को दूर करने के लिए यह तय किया गया है कि पीजीआईएमईआर से सेंटर तक एक टनल बनाई जाए। जो न सिर्फ पैदल चलने वाले लोगों के लिए हो, बल्कि गाड़ियों की आवाजाही भी हो सके।
सेंटर फॉर एक्सीलेंस:
इसके साथ ही सेंटर फॉर एक्सीलेंस के निर्माण का भी प्रस्ताव है लेकिन उसे मंजूरी मिलना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि फिलहाल सेंटर में ग्राउंड फ्लोर ही है और कहीं-कहीं प्रथम तल भी है लेकिन हम उसे और ऊपर बनाना चाहते हैं लेकिन रिज और सेंटर एरिया होने के चलते यहां मंजूरी मिलना आसान नहीं है। फिर भी हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे मंजूरी मिल जाए और मरीजों को अधिक सुविधा दी जाए। पीजीआईएमईआर से सेंटर तक जो टनल का काम है इसे अगले वर्ष ही शुरू किया जाएगा ताकि जो अभी काम अस्पताल में चल रहा है, पहले वह पूरा हो सके। उसके बाद ही दूसरे काम की शुरु आत की जाए।

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