भारत चौहान नयी दिल्ली,
एक नयी रिपोर्ट के अनुसार आबादी के एकअनछुए हिस्से और युवाओं को केंद्रित कर डार्क नेट और बिटकॉइन के जरिए फार्मा दवाइयां तथा मादक पदाथरें की तस्करी का चलन बढ रहा है जो इस प्रकार की गतिविधियों पर काबू पाने वाली एजेंसियों के लिए एक नयी चुनौती है। नाकरेटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी है। हाल के वर्षों में इंटरनेट, खासकर डार्क नेट और बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो- करेंसी के जरिए मादक पदाथरें की खरीद का चलन बढा है। यह रिपोर्ट पीटीआई के पास है। इसमें कहा गया है कि इस बात की आशंका है कि डार्क नेट के जरिए मादक पदाथरें तक नए उपयोगकर्ताओं की पहुंच आसान हो सकती है इस खतरे को रेखांकित करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदाथरें की तस्करी, खासकर आनलाइन तस्करी, में बिटकॉइन का उपयोग बढता जा रहा है जिससे वित्तीय घटक का पता कर पाना कठिन हो गया है। इसमें कहा गया है कि इस अवैध मुद्रा का भारतीय रूपये या अमेरिकी डॉलरों के साथ विनिमय हो सकता है। इसमें कहा गया है कि डार्क नेट या छिपी हुयी आनलाइन दुनिया तक पारंपरिक वेब सर्च के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता। मादक पदाथरें के खरीदार और विक्रेता विशेष सर्च इंजन‘‘ दि ओनियन राउटर’’ के जरिए यहां तक पहुंचते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी पहचान गुप्त ही रहे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल ऐसे दो मामले पंजीकृत किए गए। पहला मामला जुलाई, 2017 का है जिसमें तीन विदेशी नागरिकों सहित 21 लोगों को तेलंगाना के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया। उन लोगों से एलएसडी, एमडीएमए, हशीश, गांजा आदि बरामद किए गए। दूसरे मामले में दिल्ली पुलिस ने पिछले साल अक्तूबर में दो लोगों को गिरफ्तार किया था।