भारत चौहान नई दिल्ली , भारत चौहान नई दिल्ली , सिख ककारों और पंजाबी टीचर्स के मुद्दे पर पंजाबी परमोशन काउन्सिल के प्रतिनिधि मण्डल ने डीएसएसएसबी सचिव से मुलाकात कर उन्हें इन मसलों पर तुरन्त कार्यवाई करने की मांग की गई।
पंजाबी परमोशन काउन्सिल के अध्यक्ष जसवंत सिंह बोबी ने आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि बीते दिनों परमोशन काउन्सिल के प्रतिनिधि मण्डल ने डी एसएसएबी के सचिव एस एस परहार से उनके कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री के आदेष के बावजूद सिख बच्चों को अपने धार्मिक चिन्ह ककारों के साथ एग्जाम देने से रोका गया जो कि निन्दनीय तो है ही साथ ही हाई कोर्ट की अवहेलना भी है क्योंकि परीक्षा स्थल पर तैनात अधिकारी ने कोर्ट के आदेष को भी दरकिनार कर दिया। साथ ही उन्होंने पंजाबी और उर्दू के टीचर्स के मामले को भी उठाया जिसमें उन्हांेने मांग की कि टीचर्स का इंटरव्यूह एग्जाम लेते समय उनसे 70 प्रतिशत प्रश्न पंजाबी यां उर्दू से सम्बन्धित पूछे जाने चाहिए और 30 प्रतिशत अन्य प्रश्न होने चाहिए जबकि अभी तक 70 से 80 प्रतिशत प्रश्न अन्य पूछे जाते हैं जिस कारण बहुत से पंजाबी और उर्दू का टीचर्स बनने आए बच्चे इससे वंचित रह जाते हैं।
बोबी ने बताया कि परहार ने उनकी दोनों मांगो पर कार्यवाई करने का भरोसा दिलाया और कहा कि टीचर्स पंजाबी और उर्दू भाषा के रखे जाने हैं जल्द ही उनकी जगह भरी जायेगी।
बोबी ने गुरदास मान द्वारा पंजाबी भाषा के प्रति की गई गल्त शब्दावली की भी निन्दा की और कहा कि भले इन्सान कितनी भी भाषाएं सीख लें पर उसे अपनी मां बोली को कभी नहीं भूलना चाहिए और उसका सम्मान सबसे पहले करना चाहिए।
इस मौके पर कौंसल के संरक्षक गुरचरन सिंह राजू और प्रशांत कुमार भी मौजूद रहे।