प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की प्रस्तावना संसद में पेश की.वरिष्ठ अधिवक्ता परासरण को बनाया गया ट्रस्ट

0
550

भारत चौहान नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे. इनमें 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे. वहीं सरकार ने ट्रस्ट में शामिल होने वाले सदस्यों के नाम फाइनल कर लिए हैं.

सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट केशवन अय्यंगार परासरण ट्रस्ट में होंगे. ट्रस्ट में जगतगुरु शंकराचार्य, जगतगुरु माधवानंद स्वामी, युगपुरुष परमानंद जी महाराज का नाम भी सदस्यों में होंगे. इसके अलावा पुणे के गोविंद देव गिरि, अयोध्या के डॉक्टर अनिल मिश्रा, कामेश्वर चौपाल और निर्मोही अखाड़ा के धीरेंद्र दास का नाम भी शामिल है

राम मंदिर ट्रस्ट में एक प्रतिनिधि केंद्र सरकार की ओर से नामित किया जाएगा. यह सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा का वर्किंग सदस्य होगा. वहीं एक प्रतिनिधि राज्य सरकार की ओर से नामित किया जाएगा. वह भी राज्य सरकार में तैनात एक आईएएस अधिकारी होगा. इसके साथ ही अयोध्या के जिलाधिकारी पदेन ट्रस्टी होंगे.

ये होंगे शामिल

केशवन अय्यंगार परासरण, जगतगुरु शंकराचार्य, ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद जी महाराज (प्रयागराज), जगतगुरु माधवानंद स्वामी विश्व प्रसन्नातीर्थ जी महाराज पीजावर मठ (उडुपी), युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे), विमलेन्दु मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या), होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अनिल मिश्रा (अयोध्या), कामेश्वर चौपाल (SC) (पटना), महंत धीरेंद्र दास निर्मोही अखाड़ा (अयोध्या), संकल्प द्वारा नामित एक प्रमुख व्यक्ति, भारतीय प्रशासनिक सेवा में सेवारत एक सदस्य केंद्रीय सरकार द्वारा नामित, राज्य सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि और राज्य सरकार के अधीन भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक सदस्य और अयोध्या के DM पदेन ट्रस्टी होंगे.

केंद्र सरकार के गजट के मुताबिक ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा. ट्रस्ट के परासरण के आवास आर20, ग्रेटर कैलाश, पार्ट-1, नई दिल्ली से चलाया जाएगा. ट्रस्टी इस पर फैसला ले सकते हैं कि ऑफिस कहां ट्रांसफर किया जा सकता है. ट्रस्ट संपत्ति और फंड दोनों का संचालन करेगा. ट्रस्ट समयानुसार नियमों में बदलाव भी कर सकेगा. ट्रस्ट एक स्वतंत्र निकाय होगा.

ट्रस्टी में से एक के लिए अनिवार्य शर्त हिंदू होना भी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक निर्मोही अखाड़ा के मंहत धीरेंद्र दास भी एक ट्रस्टी होंगे. ट्रस्टी बनने के लिए अनिवार्य शर्त हिंदू होना है. इस ट्रस्ट के चेयरमैन को ट्रस्टी ही नियुक्त करेंगे.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here