ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली , एम्स में आजकल मरीजों के लिए ऑनलाइन अपॉइनमेंट लेना मुश्किल हो रहा है। इंटरनेट और हेल्पलाइन से भी मदद न मिलने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कभी नंबर व्यस्त आता है तो कभी मिलता ही नहीं है। ऐसे में अपॉइनमेंट लेने के लिए एम्स पहुंचना पड़ रहा है लेकिन वहां भी अपॉइनमेंट के लिए रखी गई मशीनें बंद दिखाई दे रही हैं। इस स्थिति में एम्स में इलाज कराना मुश्किल होता जा रहा है। एम्स की साइट्स तो अक्सर ही हैं हो जाती है, जब नंबर आता है किसी तरह से जब कार्ड में नाम, पता, डाक्टर का पता चलता है, तब तक उसका रजिस्ट्रेशन नंबर ही पता चल पाता है। नये सिरे से दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना अति कठिन प्रक्रिया है।
दिक्कतें ही दिक्कतें साहब:
बुलंदशहर के रोहित अपनी 45 वर्षीय बहन को कैंसर विंग में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए महीने भर पहले डेट ली थी। उसने कहा कि चौथी बार कम्प्यूटर के जरिए हमें रजिस्ट्रेशन मिल पाया। उसकी तरह ही यहां पर अनेकों रोगियों और उनके रिश्तेदारों की ऐसी दिक्कतें पाई गई। रोहिणी की महीमा ने बताया कि एक महीना पहले कार्डियलॉजी में ऑनलाइन अपॉइनमेंट के लिए प्रयास किया था, लेकिन उस वक्त कोई सीट खाली नहीं थी। उसके बाद बीते एक हफ्ते में दो बार मेडिसिन विभाग का अपॉइनमेंट लिया गया तो वहां भी जगह नहीं थी।
हेल्पलाइन भी बेमानी:
साथ ही एम्स द्वारा जारी नंबर (011-26589142) पर कई बार कॉल की लेकिन कभी नंबर व्यस्त तो कभी नंबर मिल ही नहीं रहा था। इसके बाद वह अपॉइनमेंट के लिए एम्स गए तो वहां अपॉइनमेंट के लिए जो मशीनें लगाई गई है, वह भी बंद पड़ी मिलीं। इसे लेकर एम्स के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम पर मौजूद ई-मेल पर मेल भी की गई लेकिन उनका अक्सर कमोवेश एक जैसा ही जबाव रहता है कि इसके लिए एम्स अस्पताल जाकर संबंधित विभाग से मिलें। इसके साथ ही एम्स के निदेशक और वेबसाइट पर दिए अन्य ईमेल एड्रेस पर ईमेल की गई लेकिन वहां से भी अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि इस बारे में एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरियान ने कहा कि सीमित संख्या में ही पेशेंट रजिस्ट्रेशन किया जाता है। संभवत: यही वजह है कि मरीजों को उनकी मन के मुताबिक डेट पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता है। जो उनके लिए समस्या का कारण बन कर सामने आ रही है। इसे सुधारा जाएगा।