दिल्ली के 26 सीवर शोधन संयंत्रों में से 16 तय मानकों के अनुरुप कार्य नहीं कर रहे हैं-आदेश गुप्ता

आदेश गुप्ता एसटीपी की जांच के लिए उपराज्यपाल को लिखा पत्र

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भारत चौहान नई दिल्ली, भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में गंदा और जहरीला पानी सप्लाई किया जा रहा है जिससे लोगों को पेट और फेफड़ों संबंधी बीमारियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में लगे सीवर शोधन संयंत्रों में से आधे से अधिक तय मानको के अनुरुप कार्य नहीं कर रहे जिसके कारण जहरीला और गंदा पानी दिल्ली के लोग पीने को मजबूर हैं। श्री गुप्ता ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर इसके जांच की मांग की है ताकि दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही को उजागर किया जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री निवास के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा।

आदेश गुप्ता ने प्रदेश कार्यालय में आज नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी के साथ हुए एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि ये संयंत्र ठीक काम नहीं कर रहे हैं। यह आरोप भाजपा का नहीं बल्कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी का है जो कि जल मल शोधन संयंत्रों की निगरानी करती है। उन्होंने कहा कि यह कमेटी प्रतिमाह अपनी रिपोर्ट दिल्ली और जलबोर्ड को भेजती है, लेकिन किसी भी स्तर पर केजरीवाल सरकार ने इस गंभीर मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की जिससे आम आदमी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट दिखाते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि 26 एसटीपी संयंत्र में से सोलह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं। इन संयंत्रों से उठाए गए नमूनों का विश्लेषण के बाद इस बात का खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोनेशन पिलर, कोंडली और नया केशोपुर संयंत्र सबसे खराब पानी दे रहे हैं। सात अलग-अलग मापदंडों में से अधिकांश संयंत्र मापदंडो पर सही नहीं पाए गए। टोटल सस्पेंडेड सॉलिड्स (TSS), बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD), डिसॉल्व्ड फॉस्फेट, केमिकल ऑक्सीजन डिमांड और अमोनिकल नाइट्रोजन मापदंडों के मानकों को पूरा करने में ये संयंत्र पूरी तरह से फेल साबित हुए।

आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा संचालित इन एसटीपी से पानी या तो यमुना में छोड़ा जाता है या जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए उपयोग किया जाता है। उपचारित पानी में जहरीले तत्वों से यमुना में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और यह पानी यहां से सप्लाई होता है। उन्होंने कहा कि मानकों के अनुसार, TSS और BOD का स्तर 10 mg/l या उससे कम होना चाहिए, COD 50 mg/l या उससे कम होना चाहिए और अमोनिकल नाइट्रोजन और पफॉस्फेट क्रमशः 5 mg/l और 2 mg/l से कम होना चाहिए। इसके अलावा, डीपीसीसी पानी के पीएच रीडिंग (6.5-9.0) के साथ आउटलेट रीडिंग में तेल/ग्रीस सामग्री (10 मिलीग्राम/ली या उससे कम) की भी जांच करता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने लगातार पानी के मापदंडो के अनुरुप रिपोर्ट मिलने के बावजूद सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाए।

जनहित के मुद्दों को उठाना चाहती है, लेकिन इसके लिए सत्र ही नहीं बुलाया जाता। अभी तक विधानसभा का मानसून सत्र नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि सत्र बुला भी लिया जाए तो उसकी अवधी कम रखी जाती है ताकि दिल्ली की समस्याओं पर बहस ही नहीं हो सके। वे इस मामले को उपराज्यपाल के यहां रखेंगे और मांग करेंगे कि वे अपने स्तर पर इसे देखें।

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