अब मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर डेंटल एवं मेंटल पॉली क्लीनिक खोलने की है तैयारी -स्वास्थ्य विभाग ने तैयार की योजना

मानसिक व दंत रोगियों को इस वक्त ओपीडी कार्ड बनवाने के लिए लाइनों में घंटों लगना पड़ता है

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , दंत विकृतियों एवं मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे उन पेशेंट्स के लिए राहत की खबर है जो अद्द इलाज के लिए फिलहाल अस्पतालों में लंबी लाइनों में लगकर अपने नंबर का इंतजार करने के लिए विवश हैं। उन्हें अपने घर के नजदीकी पॉली क्लीनिक में दंत चिकित्सा के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य का इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्हें अस्पतालों में तभी भेजा जाएगा, जब स्थिति ज्यादा गंभीर होगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शपथग्रहण समारोह के कुछ माह बाद इस पहल को शुरू करने की योजना है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब पॉली क्लीनिक्स में दंत एवं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी का इलाज मुहैया कराने की योजना बनाई जा रही है। अभी तक जिन लोगों को यह परेशानी है, वह सरकारी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। लेकिन सभी अस्पतालों में यह इलाज मौजूद नहीं है। जिन अस्पतालों में यह इलाज मौजूद हैं, वहां लाइनें लंबी हैं, जिसके चलते लोगों का पूरा दिन खराब हो जाता है। इसमें वे सभी लोग होते हैं जो या तो शुरुआती दौर में हैं या फिर गंभीर स्थिति है।
तैयार योजना पर फोकस:
योजना बनाई जा रही है कि जिन लोगों को इसके शुरुआती लक्षण नगर आ रहे हैं, उन्हें पॉली क्लीनिक में इलाज मिल सके। इससे फायदा यह होगा कि गंभीर स्थिति वालों को अस्पताल में डाक्टर ज्यादा समय दे पाएंगे और ज्यादा अच्छा इलाज मिल सकेगा। जिन लोगों में किसी मानसिक बीमारी की शुरुआत है और वह सीधे अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो वहां से डाक्टर उन्हें वापिस पॉली क्लीनिक भेज सकते हैं। इससे अस्पतालों में भीड़ भी काफी होगी।
दांतों का परामर्श व इलाज:
स्वास्थ्य सचिव संजीव खिरवाल ने कहा कि मौलाना आजाद दंत विज्ञान संस्थान (मेड्स) के हालिया अध्ययन के अनुसार राजधानी की कुल आबादी का करीब 80 फीसद किसी न किसी मसूढ़ों संबंधी समस्या से जूझ रहा है। इसकी वजह नियमित दांतों की सफाई नहीं करना माना गया है। विशेषज्ञ दल ने दावा किया है कि यदि नियमित दांतों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाए तो यह तय है मसूढ़ों संबंधी दिक्कतों से उत्पन्न होने वाली कई प्रकार के संचारी और गैर संचारी रोंगों की सक्रियता को कम किया जा सकता है।
सरकार है गंभीर:
अब तक डेंटल हेल्थ को अनदेखा कर दिया जाता रहा है। जबकि यह बेहद जरूरी है ऐसे में पॉली क्लीनिक में डेंटल हेल्थ केयर के साथ डेंटल हेल्थ पर भी फोकस किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका इलाज प्राथमिक स्तर पर ही मिल सके। क्लीनिक की दर्ज पर डेंटल क्लीनिक खोलने की योजना भी है।

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