कोविड संक्रमण हीं नहीं, अब दिल्लीवासियों को झेलना पड़ रहा है 4 अन्य वायरसों के प्रकोप से

एनसीडीसी के अनुसार अब तक कोविड-19 के अलावा एच1एन1 429 मामले, 27 डेंगू, 44 मलेरिया, 36 चिकनगुनिया

0
549

भारत चौहान नई दिल्ली, मौसम की आद्र्रता में तेजी से हो रहे उतार चढ़ाव के मद्देनजर राजधानी दिल्ली लगता है अब वायरस का शहर बनती जा रही है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के वैज्ञानिकों के अनुसार दिल्ली में एक साथ 5 वायरस ऐक्टिव है। कोरोना वायरस ने तो कहर बरपा ही रखा है, बारिश के मौसम में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों में, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के केसेज भी आने लगे हैं। इसके अलावा स्वाइन फ्लू के मामले भी 400 से ज्यादा हो गए हैं। इनमें से हर एक वायरस बेहद खतरनाक है। अगर समय पर इलाज न मिले तो जान पर बन आती है। दिल्ली में हर साल डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया फैलता है। लोगों को इनके बारे में अवेयर भी किया जा रहा है।
स्वाइन फ्लू या एच1एन1 एक संक्रमण है, जो इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कारण होता है। इस प्रकार का वायरस अधिकतर सुअर में पाया जाता है इसलिए इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता है। एनसीडीसी के अनुसार, दिल्ली में एच1एन1 मरीजों की संख्या 429 हो गई है। राहत की बात यह है कि अब तक किसी की मौत नहीं हुई है। पिछले कुछ सालों से दिल्ली में स्वाइन फ्लू सक्रिय है। 2010 में पहली बार सामने आए इस फ्लू ने 2,725 लोगों की जान ले ली थी। पिछले साल 31 मरीजों की मौत स्वाइन फ्लू के चलते हुई थी।
डेंगू:
बारिश के बाद मच्छरों के जरिए कई तरह की संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा होता है। डेंगू उन्हीं में से एक है। इस साल अबतक 27 केस सामने आए हैं जबकि पिछले साल अगस्त तक 11 केस ही आए थे। डेंगू से होने वाले बुखार को हड्डीतोड़ बुखार कहा जाता है क्योंकि पीड़ित व्यक्ति को बहुत दर्द होता है, जैसे उनकी हड्डियां टूट रही हों।
मलेरिया के 44 मामले:
एमसीडी के अनुसार, दिल्ली में मलेरिया के अबतक 44 केस सामने आए हैं जो कि पिछले साल के मुकाबले 43 प्रतिशत ज्यादा हैं। डेंगू की तरह मलेरिया भी मच्छरों के काटने से फैलता है। इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. आरएन कालरा के अनुसार यह प्लाज्मोडियम नाम के पैरासाइट से होने वाली बीमारी है। मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है जो गंदे पानी में पनपते हैं। ये मच्छर आमतौर पर दिन ढलने के बाद सक्रिय होते हैं। पेशेंट को हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जो जानलेवा हो सकती है।
चिकनगुनिया के 36 मामले:
बीते माह जुलाई में 15 मामले जबकि 21 मामले अगस्त में आ चुके हैं। इस हफ्ते 7 नए केस सामने आए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here