भारत चौहान,नयी दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों में स्थित कैमूर वन्यजीव अभयारण्य के पास एक किलोमीटर के दायरे को परिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र घोषित किये जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर इस संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक पीठ ने कहा कि अधिकरण के निर्देश में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘हमें राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश में हस्तक्षेप का कोई आधार नजर नहीं आता। इसी के अनुरूप याचिका को खारिज किया जाता है।’’ एक गैरसरकारी संगठन की तरफ से दायर याचिका को पिछले साल अक्टूबर में अधिकरण ने इस आधार पर खारिज कर दिया था कि अभयारण्य के एक किलोमीटर के दायरे में पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र बनाए जाने से जुड़ी आपत्तियों और सुझावों पर एक विशेषज्ञ समिति ने विचार किया था और इसके बाद यह घोषणा की गई थी।