नेपाल के शीर्ष कम्यूनिस्ट नेता ओली दूसरी बार बने प्रधानमंत्री, राजशाही के विरोध में 14 साल तक रह चुके हैं जेल में

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ज्ञानप्रकाश काठमांडू
किशोरावस्था में छात्र कार्यकर्ता के तौर पर राजनीति में आए और देश में राजशाही के विरोध में 14 साल तक जेल में रहे के पी शर्मा ओली दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए हैं।
अपने चीन समर्थक रुख के लिए प्रसिद्ध 65 साल के ओली 2015 से 2016 तक देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उस दौरान नई दिल्ली के साथ काठमांडो के रिश्तों में तल्खी आ गई थी।
उस वक्त ओली ने नेपाल के अंदरूनी मामलों में दखल देने और अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाकर सार्वजनिक तौर पर भारत की आलोचना की थी।
पिछले महीने ओली ने चुनावों में बडी जीत हासिल करने के बाद कहा था कि देश को आर्थिक समृद्धि के पथ पर आगे ले जाने के लिए उनकी पार्टी भारत के साथ साझेदारी करेगी।
साल 2015 में जब नेपाल ने नया संविधान अपनाया और देश को सात राज्यों में बांटा गया तो मधेसी समुदाय ने महीनों तक इसके विरोध में प्रदर्शन किया। उनकी दलील थी कि उन्हें एक प्रांत में पर्याप्त भू-क्षेत्र नहीं मिल रहा है और उन्हें भेदभाव का सामना करना पड रहा है। इस मुद्दे ने भारत-नेपाल संबंध को नकारात्मक तरीके से प्रभावित किया था।
22 फरवरी 1952 को पूर्वी नेपाल जिले के टेराथम में पैदा हुए ओली मोहन प्रसाद और मधुमाया ओली की सबसे बडी संतान हैं। चेचक की चपेट में आने से ओली की मां के निधन के बाद उन्हें उनकी दादी ने पाला था।
ओली ने नौंवीं कक्षा में स्कूल की पढाई छोड दी थी और राजनीति में शामिल हो गए थे। बहरहाल, उन्होंने बाद में जेल से ही कला में इंटरमीडिएट तक की पढाई पूरी की।
नवनियुक्त प्रधानमंत्री ओली की पत्नी का नाम रचना शाक्य है। वह भी कम्यूनिस्ट कार्यकर्ता हैं। दोनों की मुलाकात पार्टी गतिविधियों के दौरान हुई थी।
राजा के प्रत्यक्ष शासन के तहत निरंकुश पंचायत पण्राली के खिलाफ लडाई में शामिल होकर ओली ने 1966 में छात्र कार्यकर्ता के तौर पर राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
वह फरवरी 1970 में कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल में शामिल हुए और पहली बार उसी साल गिरफ्तार हुए।
ओली नेपाल के उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जिन्होंने कई साल जेल में बिताए। वह 1973 से 1987 तक लगातार जेल में रहे।
जेल से अपनी रिहाई के बाद वह 1990 तक यूएमएल के लुंबिनी जोन के प्रभारी केंद्रीय कमेटी सदस्य रहे।
चार फरवरी 2014 को दूसरी संविधान सभा में ओली को सीपीएन-यूएमएल संसदीय दल का नेता चुना गया। इस पद के लिए उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष झाला नाथ खनल को हराया था।
साल 2006 में गिरिजा प्रसाद कोइराला की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार के दौरान ओली ने उप-प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दी थी।
साल 1991 में उन्हें पहली बार झापा जिले से प्रतिनिधि सभा के लिए चुना गया। वह 1994-95 में गृह मंत्री रहे। साल 1999 में वह झापा-2 से दूसरी बार सांसद बने।
हाल में उन्होंने झापा-5 सीट से संसदीय चुनाव में जीत दर्ज की।

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