चुनावी मैदान को जोते बिना नहीं आती जीत की फसल : मोदी

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भारत चौहान नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनावों जीत का मां देते हुये कहा कि संगठन की शक्ति के बल पर ही वह स्वयं इस मुकाम तक पहुंचे हैं और चुनावी मैदान को किसान की भांति जोते बिना जीत की फसल नहीं आ सकती।


श्री मोदी ने यहाँ रामलीला मैदान में भाजपा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन अवसर पर देश भर से आये 12 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह कहना कि मोदी आयेगा सब ठीक हो जाएगा। बी पलट जाएगी। आज मैं कहना चाहता हूं कि मोदी संगठन की पैदाइश है। संगठन के संस्कार से अगर हम तपे नहीं होते तो दूसरों की मीठी-मीठी बातों से हम फिसल चुके होते। हम ना भूलें कि संगठन की शक्ति से पार्टी यहां तक आयी है। इन्हीं परंपराओं को अपने जीवन में ढालकर, अनुशासन और लाखों कार्यकर्ताओं के तप व त्याग से आज हम यहां पहुंचे हैं।’’
प्रधानमंी ने कहा कि बारिश कितनी ही अच्छी क्यों ना हो, बीज की गुणवत्ता कितनी ही उत्तम ना हो, अगर किसान खेत नहीं जोतेगा तो बारिश या बीज क्या काम आएगा। उन्होंने कहा कि ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ ही जीत का मूलमां है। जीत हासिल करने के लिए चुनावी मैदान को जोतना पड़ता है। हर परिवार के पास जाकर संपर्क करना पड़ेगा। कार्यकर्ता की ईमानदारी सबसे बड़ा बल है।
उन्होंने कहा कि चार साल ने हमें सिखाया है कि मेरा बूथ सबसे मजबूत के मां को सिद्ध कर लिया तो कुछ भी असंभव नहीं है। यह तब दिखा जब हमारी नींव पड़ रही थी। आज हम बहुत माबूत हैं। इसलिए हम बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं। उन्होंने छापति शिवाजी की माता जीजाबाई की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि उनकी आत्मा जन जन के कल्याण के आगे बढ़ने की बात कह रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए जन सेवा ही प्रभु सेवा है। नर सेवा ही नारायण सेवा है। समता, ममता, समरसता, हमारे लिए सामाजिक न्याय की सीढ़ियां हैं।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा के हर कार्यकर्ता को इस व्यवस्था के पीछे के भाव और इसके लाभ को समाज के भीतर व्यापक चर्चा करनी चाहिए।
श्री मोदी ने कार्यकर्ताओं को आगाह किया, ‘‘कुछ लोग कोशिश कर रहे है कि इस बारे में भ्रम फैला कर असंतोष की आग लगाते रहे। हमें उनकी साजिशों को भी नाकाम करते चलना है।’’

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