माइक्रो ड्रामा फेस्टिवल ने जीता लोगो का दिल

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दिल्ली के कमानी सभागार में सेकेंड नेशनल माइक्रो ड्रामा फेस्टिवल का आगाज किया गया ये फेस्टिवल दूसरी बार दिल्ली में आयोजित किया गया.इस फेस्टिवल की खासियत रही की बेहद कम समय में इस फेस्टिवल में 30 नाटकों का मंचन सिलसिलेवार किया गया.
इस फेस्टिवल में 7 भाषाओं (उर्दू, हिंदी, तमिल, मलयालम, मल्टी भाषा, पंजाबी और बंगाली) में 30 सूक्ष्म नाटकों का प्रदर्शन किया गया.ये एक तरह का प्रयोग है जो नाटक प्रेमियों को खासा पसंद आया.आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जब लोगो के पास जब ज्यादा समय नहीं है ऐसे में कम समय में एक साथ कई सारे नाटकों को देखना अलग अनुभव रहा है नाटक देखने पंहुची अर्शदीपकौर ने बताया की ऑफिस के काम करने के बाद शाम को मैं ये फेस्टिवल देखने आयी थी पहले मुझे लग रहा था की छोटे नाटक शायद उतने अच्छे नहीं होंगे लेकिन मेरा अनुभव काफी अच्छा रहा मुझे कम समय में बहुत सारे नाटक देखकर काफी अच्छा लगा.
इस फेस्टिवल के बारे में बताते हुए वृक्ष थिएटर ग्रुप के निदेशक अजीत जी मियांयन ने कहा यह एक सूक्ष्म नाटक उत्सव का नया विचार होने के बावजूद हमें थिएटर समूहों और व्यक्तियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली यह भारत में पहली बार है और पूरी दुनिया में दूसरी बार केवल एक सूक्ष्म-नाटक उत्सव हो रहा है। यह एक नई अवधारणा होने के बावजूद हमें अत्यधिक प्रतिक्रिया मिली क्योंकि 46 स्क्रिप्ट हमारे पास पेश किए गए थे और इस घटना के लिए 30 स्क्रिप्ट का चयन किया गया था।

भारत चौहान दिल्ली

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