एम्स में प्रीमेच्योर शिशुओं के लिए कंगारू मदर केयर वार्ड शुरू -8 बिस्तरों की सुविधा, शिशुओं की बचेगी जान, संक्रमण के खतरे भी होंगे कम

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निर्धारित समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं की देखभाल के लिए सोमवार को 8 बिस्तरों का कंगारू मदर केयर वार्ड शुरू हुआ। एम्स के पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डा. अशोक देवरारी ने बताया कि यह सेवा पहले से एम्स में उपलब्ध थी, लेकिन अब इसके लिए अलग वार्ड बनाया गया है। इस मौके पर एम्स की पीडियाट्रिक विभाग की सहायक प्रोफेसर डा. अनु ठुकराल ने बताया कि हर महीने मदर केयर यूनिट से 20 से 25 बच्चे डिस्चार्ज होते हैं। बच्चे और मां को 8 से 10 दिनों तक कंगारू मदर केयर यूनिट में रखा जाता है।
क्यों है जरूरी:
डाक्टरों का तर्क है कि यह प्रक्रिया दरअसल, शिशु को कुपोषण और संक्रमण के साथ ही कई प्रकार के असाध्य रोगों से बचाने के लिए सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है। दरअसल, निर्धारित समय से पहले जन्म लेने वाले प्रीमेच्योर बच्चों को कंगारू थेरैपी के जरिए दी जाने वाली इस सेवा को केएमसी कंगारू मदर केयर कहते हैं। कुपोषित बच्चों को मां का दूध पिलाने से लेकर वांछित तापमान उपलब्ध कराने के लिए एक कुर्सीनुमा आरामदायक बिस्तर की व्यवस्था होती है, जिस पर मां और बच्चे को निर्धारित समय तक रखा जाता है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि बच्चों को निमोनिया न हो और किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा न रहे।
कुपोषण व हाइपोथर्मिंया के खतरे से बचाता है:
एम्स के बच्चा रोग विभाग के अध्यक्ष डा. देवरारी ने बताया कि प्रीमेच्योर (समय से पहले जन्म लेना) शिशु वे होते हैं, जो आमतौर पर गर्भ के 37 हफ्ते से पहले पैदा होते हैं और समय से पहले जन्म लेने वाले इन शिशुओं का वजन भी काफी कम होता है। समय से पूर्व जन्मे शिशु के बेहतर स्वास्थ्य तथा बीमारियों से बचाने के लिए एक खास तरह की नकनीक अपनाई जाती है, जिसे कंगारू मदर केयर या केएमसी कहा जाता है। मां नवजात शिशु को कंगारू की तरह त्वचा से लगाकर रखती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को हाइपोथर्मिंया और कुपोषण का खतरा रहता है। केएमसी उन्हें इन बीमारियों से बचाने में सहायक है।
फायदें:
-कंगारू मदर केयर से बच्चे का वजन बढ़ता है
-स्तनपान बेहतर होता है
-शिशु का तापमान सही रहता है
-बच्चे को संक्रमण होने से बचाया जा सकता है
-बाल मृत्युदर की रफ्तार को रोका जा सकता है

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