मिला वेतन, हिंदूराव अस्पताल के डाक्टरों की हड़ताल खत्म, मरीजों ने ली राहत की सांस -दोपहर में केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और महापौर की मौजूदगी में हुई हड़ताल खत्म

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , हिंदूराव अस्पताल के डक्टरों ने दूसरे दिन मंगलवार को अनिश्चिकालीन हड़ताल खत्म की। दोपहर को अस्पताल प्रबंधन की ओर से मांगें मानने का लिखित आासन मिलने के बाद डाक्टर काम पर वापस लौटे। बता दें कि सोमवार से डाक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। चौबीस घंटे बाद ही प्रशासन हरकत में आया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर अवतार सिंह मौजूद थे। डक्टरों ने बताया कि उन्हें दो माह का वेतन मंगलवार दोपहर को आ चुका है। जबकि शेष एक माह का वेतन 24 घंटे के भीतर आने का दिलासा अस्पताल प्रबंधन ने दिया है। इसके अलावा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को भी जल्द से जल्द लागू करने का आासन मिला है। डक्टरों का कहना है कि वेतन को लेकर उन्हें हर बार समस्या से जूझना पड़ता है। इसलिए उन्होंने नगर निगम और प्रबंधन से दोबारा वेतन न रोके जाने की अपील भी की है।
मरीजों ने ली राहत की सांस:
इस बीच यहां उपचाराधीन मरीजों और उनके रिश्तेदारों ने राहत की सांस ली। इसमें ऐसी मरीजों को ज्यादा परेशानी हो रही थी जिनका यहां पहले से ही सर्जरी हुई है या फिर होने के लिए भर्ती किया गया है। उनके अधिकांश नैदानिक जांचें पूरी कर ली गई थी। सिर्फ उन्हें डाक्टरों के हड़ताल खत्म करने का इंतजार था। उम्मीद है बुधवार से ओपीडी सेवाओं समेत अन्य सेवाएं भी संतोषजनक तरीके से कार्य करेंगी।
क्या था मामला:
हिंदुराव रेजिडेंट्स डाक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डा. संजीव चौधरी के अनुसार तीन माह से वेतन न मिलने के कारण सोमवार को डक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था। हड़ताल के दौरान मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए उन्होंने बाहर ही पैरलरओपीडी सेवा शुरू कर दी थी। वहीं दोपहर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख सामूहिक आत्महत्या करने की मंजूरी तक मांगी थी। इसके कारण सरकारी महकमे में हडकंप की स्थिति देखने को मिला। धीरे-धीरे डक्टरों की आवाज सियासी गलियारों तक भी पहंची। इसके बाद मंगलवार सुबह केंद्रीय मंत्री विजय गोयल डाक्टरों से मिलने अस्पताल में पहुंचे। यहां काफी देर बातचीत के बाद उन्होंने वेतन के अलावा अन्य मांगें पूरा करने का आासन भी दिया।
हरकत में आया प्रशासन:
अस्पताल की चिकि त्सा अधीक्षक डा. नांगिया ने कहा कि हमने वित्त विभाग को डाक्टरों के वेतन जारी करने की सूची भेजी थी। करीब 11 बजे हमें सूचना मिली की डाक्टरों की सेलरी रिलीज कर दी गई है। इसके उपरान्त ही डाक्टरों के फोन पर वेतन आने की जानकारी मिली, जिसके बाद हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया। अपराह्न 1 बजे हड़ताल खत्म होने के बाद अस्पताल के आपातकालीन विभाग में डाक्टर मरीजों के उपचार के लिए पहुंचे। उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन, फोर्डा सहित तमाम चिकित्सकों के संगठन का समर्थन भी इन्हें मिलता चला गया। फोर्डा के राट्रीय अध्यक्ष डा. सुमेध ने कहा कि डक्टरों को वेतन न मिलना चिकित्सीय क्षेत्र के लिए अत्यंत दु:ख का विषय है। जोखिम भरी स्थित में राउंट द क्लाक चिकित्सीय सेवाएं देने में रत रहने वालों डाक्टरों को नियमित वेतन तक नहीं जारी किया जा रहा है। अन्य सुविधाओं की बात ही छोड़िए। दिनरात कम संसाधनों के बाद भी ये मरीजों की सेवा करते रहते हैं, लेकिन डाक्टरों की सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर इस तरह की घटना दोबारा देखने को मिलती है तो उसके खिलाफ बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

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