जेटली ने किया नोटबंदी का पुरजोर बचाव, कहा कराधार में वृद्धि आलोचकों का मुंह बंद करने वाली

0
704

ज्ञान प्रकाश नयी दिल्ली, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने नोटबंदी का पुरजोर
बचाव करते हुए कहा है कि पुराने बड़े नोटों का चलन बंद करने के इस फैसले
पर हाय-तौबा करने वाले आज गलत साबित हो चुके हैं, दो साल के आंकड़ों से
यह साफ है कि नोटबंदी के बाद करदाताओं की संख्या में उछाल आया है, संगठित
अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ है तथा भारत लगातार पांचवें साल सबसे तीव्र
आर्थिक वृद्धि करने वाली वाली बड़ी अर्थव्यवस्था का खिताब बरकार रखे हुए
है। नोटबंदी के दो साल पूरा होने के मौके पर जेटली ने फेसबुक पर
‘नोटबंदी का प्रभाव’ शीषर्क से लिखे एक लेख में जेटली ने कहा कि देश में
आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 80 प्रतिशत उछलकर 6.86 करोड़ तक
पहुंचना , डिजिटल लेन-देन में वृद्धि, गरीबों के हित के काम और बुनियादी
ढांचे के विकास के लिए संसाधन की अधिक उपलब्धता आठ नवंबर 2016 के नोटबंदी
के कदम की मुख्य उपलब्धियां हैं। चलन से 500 और 1,000 रुपये के नोट को
हटाने से सरकार उन लोगों को का पता लगाने में कामयाब हुई जिन्होंने ज्ञात
स्रेत से अधिक संपत्ति रखे हुए थे। उन्होंने कहा, ‘‘नकदी जमा करने से
संदिग्ध 17.42 लाख खाताधारकों का पता चला। उन लोगों से बिना सीधे
कार्रवाई किए आनलाइन जवाब प्राप्त किये गये..।’’ धन के बैंक खातों में
जमा होने से उसके मालिकों को आयकर रिटर्न भरने को मजबूर होना पड़ा और
इससे कर दाताओं की संख्या बढकर 6.86 करोड़ हो गयी जो मई 2014 में 3.8
करोड़ थी। जेटली ने कहा, ‘‘इस सरकार के पांच साल पूरे होने तक, हम
करदाताओं की संख्या को दोगुना कर चुके होंगे।’’ विपक्षी दलों की
आलोचनाओं का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि तीव्र आर्थिक वृद्धि दर ने
निराशा की बातें करने वाले आलोचकों को गलत साबित किया है। उन लोगों ने यह
भविष्यवाणी की थी कि नोटबंदी से आर्थिक वृद्धि दर में 2 प्रतिशत तक की
गिरावट आएगी, वे सभी गलत साबित हुए। कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी
दलों ने सरकार पर तीखा प्राहार किया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनंिसह ने
नोटबंदी के दो साल पूरे होने के मौके पर बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी
सरकार की आर्थिक नीतियों पर प्रहार किया और कहा कि अर्थव्यवस्था की
‘तबाही‘ वाले इस कदम का असर अब स्पष्ट हो चुका है तथा इसके घाव गहरे होते
जा रहे हैं। नोटबंदी के पीछे तर्क पर सवाल उठाते हुए दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था पर स्वयं से
कुरेदा गया गहरा जख्म करार दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता
बनर्जी ने आरोप लगाया कि कुछ मुट्ठी भर लोगों को लाभ पहुंचाने के लिये
नोटबंदी का कदम उठाया गया है। इससे आम लोग प्रभावित हुए। आलोचनाओं का
जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था मजबूत हुई और सरकार के
पास गरीबों के हित में काम करने और बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए
अधिक संसाधन उपलब्ध हुए। बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन
लोगों का क्या हुआ जो निराशा फैला रहे थे जो कह रहे थे कि भारत का जीडीपी
कम-से-कम 2 प्रतिशत नीचे आएगा। लगातार पाचवें साल भारत दुनिया में तीव्र
आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाला देश बना हुआ है। यह जारी रहेगा। इससे
साफ है कि निराशा का रुख रखने वाले पूरी तरह गलत साबित हुए हैं।’’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जब वैिक स्तर पर दबाव है, उस समय भी हम सम्मानजनक
आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर सके हैं और हमारे पास प्रधानमंत्री के नेतृत्व
के कारण साहस था कि हमने निर्णायक कदम उठाया और इससे दीर्घकाल में
अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ..।’’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कर
पण्राली, डिजटलीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था को संगठित रूप देने में मदद
मिली। निश्चित रूप से अभी हमें लंबा रास्ता तय करना है और मुझे भरोसा है
कि आने वाले वर्ष में इन कदमों से होने वाले लाभ से अर्थव्यवस्था मजबूत
होगी। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि साथ माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को
लागू करने से कर चोरी दिन-ब-दिन मुश्किल होती जा रही है। जीएसटी के बाद
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में अप्रत्यक्ष कर 5.4 प्रतिशत बढा
है जबकि 2014-15 में यह 4.4 प्रतिशत था। नोटबंदी के दौरान, लगभग पूरी
नकदी के बैंकों में लौट आने की आलोचना पर जेटली ने कहा कि ऐसा कहने वालों
की ‘जानकारी गलत’ है। नोटबंदी का लक्ष्य मुद्रा की सरकार द्वारा नकदी को
जब्त करना नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘ व्यापक अथरें में नोटबंदी का
लक्ष्य संगठित अर्थव्यवस्था की ओर बढना और करदाताओं की संख्या बढाना था।
देश को नकदी से डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढाने के लिए व्यवस्था को
हिलाने की जरूरत थी। स्वाभाविक तौर पर इसका परिणाम उच्च कर राजस्व और
उच्च कर आधार के रूप में दिखा है।’’ उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर 2016 को
कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने 500 और 1000 रुपये के तत्कालीन
नोटों को बंद कर दिया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here