भारत चौहान नयी दिल्ली , एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को कहा कि सरकार द्वारा निवेश बढ़ाने और निजी उपभोग को गति देने के लिए किये गये नीतिगत उपायों से अगले दो वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर में तेजी लाने में मदद मिलेगी और इसके बल पर वर्ष 2019-20 और 2020-21 में विकास दर क्रमश: 7.2 प्रतिशत और 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एडीबी ने आज जारी ‘एशियाई विकास परिदृश्य, 2019’ रिपोर्ट में यह अनुमान जताते हुये कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में निवेश के मौहाल में सुधार करने और निजी उपयोग बढ़ाने के लिए कई नीतिगत सुधार किये है। इससे आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। उसने कहा कि दो वष्रों से विकास दर में जारी गिरावट पर सुधारत्मक नीतिगत निर्णयों से ब्रेक लगेगा और इसमें अब सुधार दिखेगा।
एडीबी के मुख्य अर्थशासी यासुयूकी सावादा ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुये कहा कि चालू वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति व्यय में बढोतरी होने और मजबूत औद्योगिक धारणा के बल पर भारत दुनिया में तेजी गति से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। भारत के पास वैिक ‘वैल्यू चेन’ के साथ जुड़कर आर्थिक गतिविधियों में और तेजी लाने का बहुत बड़ा अवसर है। देश के युवा कार्यबल, कारोबारी माहौल में सुधार और निर्यात बढ़ाने पर केन्द्रित नीतियों से इसको बल मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय सहायता, खाद्यान्न खरीद कीमतों में बढोतरी और पाँच लाख रुपये से कम आय वाले करदाताओं को राहत दिये जाने से प्रति परिवार आय में बढ़ोतरी होगी। इसके अतिरिक्त ईंधन की कीमतों में नरमी और खाद्य पदार्थों की कीमतों में शिथिलता से उपभोग को बल मिलेगा। कंपनियों द्वारा उत्पादन क्षमता के उपयोग में वृद्धि के साथ ही जोखिम में फँसी संपदा में कमी आने से बैंकों की स्थिति सुधरने और कुछ बैंकों के ऋण देने की पाबंदी हटने से निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी।