भारत चौहान,ठंड का प्रकोप दिन ब दिन बढ़ने के साथ ही सरकारी और निजी अस्पतालों में दिल का दौरा पढ़ने से मृतकों के मामलों में तेजी दर्ज की गई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कार्डियालॉजी यूनिट के डा. राकेश यादव के अनुसार विशेषकर शरीर का सबसे नाजुक समझे जाने वाला अंग दिल कई मरीजों को धोखा दे रहा है। कई लोगों की हृदयघात से इससे मौत हो रही है और कई अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती है। इस मौसम में जरा सी लापरवाही, जानलेवा साबित हो सकती है।
ठंड में बढ़ रही मरीजों की संख्या:
ठंड बढ़ते ही इन दिनों एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, जीबी पंत जैसे अस्पतालों में दिल के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। पीड़ितों में हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। सबसे अधिक हृदय रोगी इन्हीं सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। अक्टूबर और नवंबर महीने की तुलना में दिसंबर और जनवरी के प्रथम सप्ताह में दिल के रोगियों की संख्या अधिक हो गई है। कार्डियक केयर यूनिट से मरीजों से भरा हुआ है। वहीं, दिल्ली व अन्य जगहों के निजी अस्पतालों में भी हृदय रोगियों में सामान्य दिनों की अपेक्षा 23 फीसद तक दर्ज की गई है।
सर्दियों में बढ़ता है हृदय रोग:
मैक्स कार्डियालॉजी यूनिट के प्रमुख डा. रजनीश मल्होत्रा के अनुसार इस मौसम में हृदय रोगियों की संख्या दोगुना हो जाती है। इसका कारण शारीरिक गतिविधियों में कमी आना भी है। लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते, जबकि खानपान अधिक होता है। इस मौसम में वैसे तो सभी को संभल कर रहना चाहिए। लेकिन उम्रदराज लोगों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। पहले से हृदय रोग से पीड़ितों और उम्रदराज लोगों को सुबह के समय सैर करने और ठंडे पानी से नहाने से भी बचना चाहिए। यही नहीं शरीर को पूरी तरह ढक कर रखना चाहिए। कई बार अचानक ठंड में एक्सपोज होने से भी हार्ट अटैक हो जाता है। बत्तरा हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में कार्डियक यूनिट के निदेशक पद्मश्री डा. उपेंद्र कौल ने सलाह दी कि इस मौसम में घर से बाहर निकलने समय पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढक कर रखना चाहिए। समय-समय पर ब्लड प्रेशर की भी जांच होनी चाहिए। सबसे जरूरी है पारंपरिक जीवन शैली का प्रयास करें।
यह भी रखें सावधानी:
डा. कौल ने कहा कि अनियंत्रित रक्तचाप तथा धमनियों में रक्त जमने के कारण हृदय के मरीजों की संख्या बढ़ती है। इस मौसम में पुराने हृदय रोगियों के लिए सुबह जल्दी सैर करना खतरनाक साबित हो रहा है। इस मौसम में रक्त की धमनियों के सिकुड़ जाने के कारण ब्रेन हेमरेज की भी आशंका बढ़ जाती है। धमनियों में जो रक्त संचार होता है, वह अधिक कोलेस्ट्राल की मात्रा के कारण तथा प्लाक एवं रक्त थक्के की वजह से रक्त प्रवाह बंद हो जाता है। ऐसे में ब्रेन हेमरेज होने तथा हृदयाघात की आशंका अधिक रहती है।