भारत चौहान नई दिल्ली, कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, सक्रिय मामलों और ठीक होने वाले मरीजों के बीच का अंतर 3 लाख 41 हजार 916 से बढ़कर आज 4 लाख 11 हजार 133 हो गया है। ठीक हुये मरीजों की संख्या, सक्रिय मामलों से 4,11,133 ज्यादा है।
देश के रिकवरी रेट में हालांकि वृद्धि हुई है, जबकि 19 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की रिकवरी दर राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है।
केंद्र और राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की प्रभावी रणनीति के फलस्वरूप कोरोना से ठीक होने वाले लोगों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर लगातार बढ़ रहा है। घर-घर जाकर सर्वेक्षण, निगरानी, कांटेक्ट ट्रेसिंग, प्रभावी नियत्रंण योजना, संवेदनशील आबादी की जांच तथा व्यापक जांच पर विशेष ध्यान दिया गया है। अस्पतालों में त्रिस्तरीय स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और गृह पृथकवास में उच्च मानकों के अनुसार मरीजों की देखभाल और उपचार करने के अनुकूल परिणाम मिले हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स, नई दिल्ली के साथ-साथ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में चिकित्सा के उत्कृष्ट केंद्रों के जरिए नैदानिक उपचार और आई.सी.यू रोगियों की बेहतर देखभाल करने से भारत में मृत्यु दर में भी कमी आई है। एम्स, नई दिल्ली के e-ICU कार्यक्रम केंद्र-राज्यों के बीच समन्वय का एक बेहतर माध्यम है, जिसका उद्देश्य देश में मृत्यु दर में कमी लाना है। यह टेली-कंसल्टेशन यानि फोन पर परामर्श सत्र कार्यक्रम है जो सप्ताह में दो बार आयोजित किया जाता है। इसमें राज्यों के कोविड-19 अस्पतालों से आई.सी.यू रोगियों के बारे में विशेषज्ञ डाक्टरों के साथ अनुभव साझा किए जाते हैं और उनसे तकनीकी सलाह ली जाती है। स्वास्थ्य कर्मियों के समर्पित प्रयासों के परिणामस्वरूप कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की दर में लगातार सुधार तो हो रहा है साथ ही मृत्यु दर में भी लगातार गिरावट आ रही है, जो इस समय 2.41 प्रतिशत है।