ज्ञान प्रकाश के साथ भारत चौहान
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी नारायणसामी ने आज कहा कि कावेरी जल विवाद के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने यदि उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने में देरी की तो उसे‘‘ गंभीर परिणाम’’ भुगतने होंगे।
उन्होंने दावा किया कि फैसले में कहा गया है कि छह हफ्ते के भीतर कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन किया जाए और अब इसका गठन किया जाना चाहिए।
नारायणसामी ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ केंद्र ने यदि बोर्ड और नियामक आयोग का गठन नहीं किया तो उसे अदालत की अवमानना की स्थिति का सामना करना होगा।’’
उन्होंने कर्नाटक सरकार पर भी कावेरी जल विवाद के मुद्दे पर‘‘ टालने वाला रवैया’’ अपनाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने25 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुडुचेरी यात्रा के दौरान उन्हें एक पत्र सौंपकर अनुरोध किया था कि जल प्रबंधन बोर्ड का गठन किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे ज्ञापन के जवाब में मुझे अब तक प्रधानमंत्री का कोई जवाब नहीं मिला है।’’
यह पूछे जाने पर कि केंद्र को किस तरह के‘‘ गंभीर परिणामों’’ का सामना करना पड सकता है, नारायणसामी ने कहा, ‘‘ यदि उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो यह अदालत की अवमानना होगी।’’
इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने आज दावा किया कि कावेरी मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय ने16 फरवरी के अपने आदेश में कावेरी प्रबंधन बोर्ड और एक अन्य निकाय के गठन की तरफ इशारा किया था।
राज्य सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘ आदेश के अनुसार, एक ऐसा संगठन बनाने की बात कही गई है जो कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के अंतिम निर्णय एवं उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करेगा।’’
तमिलनाडु सरकार ने यह बयान तब दिया है जब कल ही केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव यू पींिसह ने बयान दिया कि शीर्ष न्यायालय ने इन बोडरें के बारे में कोई जिव नहीं किया।
सचिव ने कल नई दिल्ली में एक बैठक में कहा था, ‘‘ उच्चतम न्यायालय न्रे अपने आदेश मेंी कावेरी प्रबंधन बोर्ड शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है, यह बुनियादी तौर पर एक स्कीर्म व्यवस्थी है। यह वही चीज हो सकती है जिसके बारे में न्यायाधिकरण ने कहा था।’’