ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, महामारी कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। वायरस 210 देशों में फैल चूका है। पूरे दुनिया में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 30 लाख 73 हजार 603 पार कर चुकी है, दो लाख 11 हजार 768 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और लगभग 8 लाख 95 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक भी हुए हैं। कोरोना वायरस कि ये महामारी लोगों को 1918 के स्पेनिश फ्लू की याद दिला रही है। उस दौर में जिस तेजी से संक्रमण फैला था और जितनी मौतें हुई थी उससे पूरे दुनिया को सीखने की जरूरत है। 102 साल पहले पूरी दुनिया में स्पेनिश फ्लू के कहर से एक तिहाई आबादी इसकी चपेट में आ गयी थी। कम से कम 5 करोड़ लोगों की मौत इसकी वजह से हुई थी। रिपोर्टस के मुताबिक इस फ्लू के कारण भारत में कम से कम 1 करोड़ 20 लाख लोगों ने जान गवाई थी। अब तक संक्रमण अटैक के मामले में कोरोना वायरस संक्रमण सबसे सुस्त माना जाता है बावजूद इसके विषाणुओं के कहर में अब तक हायतौबा, मौत का खौफ कोविड-19 से इस वजह से है जिसके कई वैज्ञानिक कारण है। उनका यह भी कहना है कि हालांकि, ऐसा नहीं है कि पहली बार मानव किसी महामारी का शिकार बन रहा है, लेकिन यह वायरस कई कारणों से अब तक का सबसे भयावह और ख़्ातरनाक वायरस है।
इस मुद्दे पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एवं डिपार्टमेंट आफ हेल्थ रिसर्च के सचिव प्रो. बलराम भार्गव का कहना है कि कोविड-19 में र्हड इम्यूनिटी भी नहीं है। जो चिंता का विषय है।
क्या है र्हड इम्यूनिटी:
प्रो. भार्गव के अनुसार झुंड उन्मुक्ति यानी र्हड इम्यूनिटी का मतलब होता है, पिछले वैक्सीन की वजह से एक आबादी या वर्ग का संक्रमण या किसी बीमारी से प्रतिरक्षा हासिल करना। पिछले महामारी के साथ, र्हड इम्यूनिटी की संभावना भी अभी तक नहीं देखी गई है। कोरोना वायरस किसी भी व्यक्तिको संक्रमित कर सकता है। फिर चाहे वो व्यक्ति किसी भी आयु का हो, या उसका इम्यून सिस्टम अच्छा हो। हालांकि, ये उन लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। क्योंकि कोरोना वायरस एक नया संक्रमण है, इसलिए अभी तक इससे बचने के लिए कोई वैक्सीन या इसका इलाज भी नहीं है, जो इसे और भी ख़्ातरनाक बनाता है।
यह नावेल कोरोना वायरस है:
2019 कोरोना वायरस, उस वायरस के परिवार से है जो जानलेवा और घातक हैं। इस वायरस के परिवार ने पहले भी इंसानों को अपना शिकार बनाया है जिसमें मिडल ईस्ट रेस्पीरेट्री सिंड्रोम (मरसा) और गंभीर तीक्ष्ण सन सिंड्रोम यानी सार्स वायरस प्रमुख हैं। हालांकि, ऐसा पहली बार हुआ है जब पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में लोग किसी एक वायरस से संक्रमित हुए हैं। इस वक्त एक ही चीज़ तो मुमकिन है, वो ये है कि जोखिम से बचें और इस वायरस की चेन को रोकें।
संक्रमण दर काफी अधिक :
इससे पहले हुई महामारियों के मुकाबले कोरोना वायरस कहीं अधिक ख़्ातरनाक है। ये बेहद तेज़ी से फैल रहा है।बीते सालों में हुए वायरस अटैक में संक्रमण का खतरा अधिक नहीं था। जबकि कोरोना वायरस का संक्रमण दर बहुत अधिक है।
कई लोगों में लक्षण नहीं दिखते:
कई मौके पर ऐसा देखा गया है कि व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखते हैं। ऐसे मे कई लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं। साथ ही इस वायरस के लक्षणों को पहचानने में 5 से 14 दिन लग जाते हैं।