ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) 2030 तक भारत से मलेरिया उन्मूलन के प्रयासों में तेजी लाने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हितधारकों के साथ एक कार्यक्रम शुरू करेगी। आईसीएमआर में अनुसंधान प्रबंधन, नीति, योजना और समन्वय विभाग के अध्यक्ष डा. रजनी कांत ने बताया कि मलेरिया उन्मूलन के प्रयासों में तेजी लाने के लिए शोध रणनीतियों को विकसित करने के वास्ते मलेरिया एलीमिनेशन रिसर्च एलायंस विभिन्न हितधारकों को एक साझा मंच पर लाएगा। उन्होंने कहा कि बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए बेहतर दवाएं, डायग्नोस्टिक्स और बेहतर वेक्टर नियंतण्रउपकरण खोजने पर खास ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले दो से तीन सप्ताह में इस कार्यक्रम की शुरुआत कर सकते है।
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केंद्रीय और राज्य स्वास्थ्य विभागों के साथ राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (एनआईएमआर) और वि स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख हितधारकों में शामिल हैं। सरकारी आकड़े के अनुसार 2018 में मलेरिया के कुल मामलों की संख्या 3.4 लाख थी जबकि 2017 में 8.4 लाख और 2016 में 11 लाख थी। इसमें कहा गया है कि देश में मलेरिया के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी कमी आई है। वर्ष 2016 में यह संख्या 331 थी तो 2017 में 194 और पिछले वर्ष यह संख्या 41 थी।