भारत चौहान/ज्ञान प्रकाश -भारत ने पुलवामा अटैक का बदला लेते हुए पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए। वर्ष 1971 के युद्ध के बाद यह पहली बार है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी हवाई शक्ति का इस्तेमाल किया है। इस कार्रवाई में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया गया, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए हैं जो भारत में आत्मघाती हमलों की तैयारी कर रहे थे। बालाकोट कैंप में कमांडर समेत 350 आतंकी हर समय मौजूद रहते थे। बारह दिन पहले पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीदों का बदला लेते हुए भारतीय वायु सेना ने मंगलवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे पाकिस्तान स्थित बालाकोट और चकोट में हवाई हमले किए। 21 मिनट की कार्रवाई के दौरान 12 मिराज और जेट विमानों ने बालाकोट और चकोट में हवाई हमले किए। हमलों के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथंिसंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद और तीनों सेनाओं के मुखिया मौजूद थे। इस बैठक के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ठोस खुफिया सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य आत्मघाती हमले की योजना बना रहा है और इस उद्देश्य के लिए फिदायीन जिहादी तैयार किए जा रहे हैं।’ गोखले ने कहा, खुफिया जानकारी के आधार पर आज (मंगलवार) तड़के चलाए गए अभियान में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित आतंकवादी समूहों के कई शिविरों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा, इस अभियान में बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर मारे गए और जिहादियों के समूह नष्ट हो गए, जिन्हें फिदायीन हमलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। गोखले ने बयान पढ़ते हुए कहा कि आम लोगों की मौजूदगी से काफी दूर बालाकोट में घने जंगल में पहाड़ी पर स्थित आतंकी शिविर का संचालन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी करता था। उन्होंने कहा कि आसन्न खतरे के मद्देनजर एहतियाती हमला अत्यावश्यक हो गया था और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत सभी कदम उठाने को प्रतिबद्ध है। गोखले ने कहा कि भारत चाहता है कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों सहित सभी आतंकी ठिकानों को नष्ट करे। पाकिस्तान को अंदाजा ही नहीं था कि बालाकोट टारगेट हो सकता है। सबका ध्यान पीओके की तरफ था। आतंकी कैंप बालाकोट टाउन से 20 किमी दूर है। बालाकोट नियंतण्ररेखा से करीब 80 किमी दूर और एबटाबाद के काफी करीब है, जहां अल कायदा का पूर्व सरगना और खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन रहता था और अमेरिकी सेना के ऑपरेशन में मारा गया था।
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