ज्ञान प्रकाश नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने संशोधित स्नातक चिकित्सा शिक्षा नियमों को लागू करने में देरी का दावा करने वाली याचिका पर केंद्र और भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने अधिकारियों को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई तीन मई को होगी। इंद्रजीत लक्ष्मणराव खांडेकर की याचिका में कहा गया है कि दुनियाभर में चिकित्सा परीक्षण के क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए हैं और भारत में 1997 से स्नातक स्तर पर चिकित्सा शिक्षा नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इसके परिणामस्वरूप छात्र पुराने तौर-तरीके और अध्ययन सामग्री का इस्तेमाल करते हैं। याचिका में अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गयी है कि संशोधित स्नातक चिकित्सा शिक्षा नियम (आज की तारीख तक यथासंशोधित) को तत्काल जारी और लागू किया जाए।
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