भारत चौहान नई दिल्ली , एम्स में एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष पदम्श्री डा. निखिल टंडन दिल्ली समेत देशभर में मधुमेह पीड़ितों की बढ़ते दबाव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 73 मिलियन मामलों के साथ भारत डायबिटीज से पीड़ित लोगों के मामले में दूसरे नंबर पर है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 2045 तक यह संख्या दोगुनी हो जायेगी।
वे यहां नोवो नोर्डिस्क एज्युकेशन फाउंडेशन की ओर से इम्पैक्ट इंडिया: 1000 डे चैलेंज पर जारी एक रिपोर्ट के बाद आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
इसके तहत दिल्ली में 52 वर्ष औसत आयु वाले 35 हजार 200 लोगों की मधुमेह की स्थिति का आकलन करने के लिए एचबीए1सी की जांच की गई। जो 3 महीने ब्लड शुगर नियंतण्रकरने का पता लगाती है। इस अध्ययन में 47 फीसद पुरुष और 53 फीसद महिलाएं शामिल थीं। फाउंडेशन के ट्रस्टी डा. अनिल शिंदे के अनुसार यह अध्ययन इंडियन डायबिटीज केयर इंडेक्स का हिस्सा है। इसका उद्देश्य मधुमेह की स्थिति को नियंत्रित करने के साथ ही जागरुक किया जा सके।