गॉड ऑफ गॉड्स’ फिल्म का राष्ट्रीय शुभारम्भ आज दिल्ली में हुआ

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भारत चौहान नई दिल्ली, महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर ब्रह्माकुमारी संस्था के फिल्म डिवीजन द्वारा निर्मिंत ‘गॉड ऑफ गॉड्स’ ‘देवो के भगवान, फिल्म का राष्ट्रीय शुभारम्भ बृहस्पतिवार को कनाट प्लेस स्थित ओडियन सिनेमाघर में हुआ। विभिन्न धर्म सम्प्रदाय के नेताओं ने सम्मिलित रूप में दीप प्रज्वलन कर इस फिल्म का शुभारंभ करने के पश्चात इस फिल्म का स्क्रीनिंग एवं मीडियाप्रीव्यू भी उसी सिनेमा घर में हुआ।
‘ईर भक्ति से देश भक्ति के ओर एक यात्रा मर्म पर आधारित एवं मानवीय मूल्यों और धार्मिंक एकता का संदेश देने बाली यह डेढ़ घंटे की यह फिल्म को सभी नेताओं ने सराहा और समग्र देश तथा विदेशों में अनेक भाषाओं में इसे प्रदर्शित करने के लिए आग्रह किया। जैन धर्मगुरू आचार्य डा. लोकेश मुनि ने कहा कि यह फिल्म जब हम एक ही ईर को, एक ही लाईट को जान जायेगें तो एकता, भाईचारे, सदभाव, प्रेम व शान्ति का स्वप्न साकार होगा। यह स्वार्थ से उठकर परार्थ, परमार्थ की ले जाने व धर्म हमें तोड़ना नहीं जोड़ना सिखाता है संदेश देती है। अन्तरराष्ट्रीय बौधी फे डरेशन के महासचिव लामल लाबजंग ने इसे धर्म से जोड़ने वाली फिल्म बताया। ब्रह्मकुमारीज संस्था के फिल्म डिवीजन द्वारा बनाई गई यह 21वीं फिल्म है।
जमात-ए-इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय सचिव मो. इकबाल मुल्ला ने कहा कि यह फिल्म अल्लाह को जानने एवं सभी धर्मो के इन्सानियत के संदेश को फैलाने की दिशा में अच्छा प्रयास है। साथ ही संदेश देती है कि हम हिन्दु, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई आदी मजहब जब आपस में भाई-भाई है तो लड़ना नहीं चाहिए। ईसाई धर्म के डा. एमडीथॉमस ने कहा कि यह फिल्म अपने नाम गॉड ऑफ गॉड्स को सार्थक करती है। अलग-अलग धर्मो के प्रमुख लोगों को उस गॉड ऑफ गॉड्स परमसत्ता की ओर मिलजुलकर चलने की जरूरत है। मैं यह शुभकामना करता हूं कि गॉड ऑफ गॉड्स फिल्म से उस मन्जिल की ओर जाने की सभी को सबको प्रेरणा मिलती रहे। जैनाचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि यह युवाओं के भटकाव, व्यसन, हिंसक जैसी प्रवृत्ति को खत्म करने में असरदार छाप छोड़ेगी।
खास बातें:
सेंसर बोर्ड से यू/ए र्सटििफकेट प्राप्त यह फिल्म बेहतरीन विजुअल इफेक्ट्स, सिनेमैटोग्राफी और अट्मोससाउंड द्वारा बनी है। इस फिल्म का सिनेमैटोग्राफी माधव राजदत्तर और करण तोलानी ने किया है। इस फिल्म का डांस कोरियोग्राफी श्रुति मच्रेट और किरन श्रीयन ने किया है। इस फिल्म में बेहतरीन संगीत लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल जी, लक्ष्मी नारायण और विामल्लिक ने दिया है और श्रेया घोषाल ने इसे अपने मधुर आवाज से सजाया है। यह फिल्म ईर की भक्ति से देश भक्ति की एक यात्रा है। डेढ घंटे की इस फिल्म में तेजस्विनी मनोगना, त्रियुग मंत्री, राजसिंह वर्मा, शिवा और बबु ने मुख्य किरदार निभाया है। इस फिल्म की कहानी का मूल सूत्र है -क्या हम एक ईर के प्रेम में बंधकर एकतापूर्वक रह सकते हैं।

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