पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन, एम्स अस्पताल में ली अंतिम सांस -जीवटता के प्रतीक थे, दर्द में भी मुस्करा कर जबाव देते थे डाक्टरों को

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बिगत 16 दिनों तक वरिष्ठ डाक्टरों की निगरानी में सघन चिकित्सा पण्राली रखे जाने के बाद पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरु ण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। अस्पताल ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि जेटली ने दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली। एम्स ने जारी मेडिकल बुलेटिन में दोपहर बाद बताया कि हम बड़े दु:ख के साथ अरु ण जेटली के निधन की जानकारी दे रहे हैं कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने 24 अगस्त को दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर अंतिम सांस ली। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें बीते 9 अगस्त को दोपहर करीब सवा 12 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था। मेडिकल बुलेटिन में एम्स की प्रवक्ता प्रोटोकाल डा. आरती विज ने जारी बुलेटिन में कहा कि उन्हें अनुभवी डाक्टरों की टीम की सघन निगरानी में रखा गया। जेटली का जन्म 28 दिसम्बर 1952 को हुआ था। वर्ष 2018 में जेटली के किडनी का ट्रांसप्लांट हुआ था।
क्या थी बीमारी:
एम्स चिकित्सीय जांच टीम के अनुसार जेटली के फेफड़ों में पानी जमा हो रहा था, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही था। यही वजह है कि डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उन्हें सॉफ्ट टिशू सरकोमा था, जो एक प्रकार का कैंसर होता है।
यह भी:
2018 में अरु ण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था जिसके बाद से वे लगातार स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहते थे। 2019 में उन्होंने मोदी सरकार 2 में शामिल होने से असमर्थता व्यक्त की थी। उन्होंने एक चिट्ठी भी लिखी थी। अपने पत्र में जेटली ने लिखा था ‘मुझे अपने लिए, अपने इलाज के लिए और अपनी सेहत के लिए कु छ वक्त चाहिए।’ जेटली ने यह भी लिखा कि ‘मेरे पास इस दौरान निश्चित तौर पर काफी समय होगा जिसमें मैं सरकार और पार्टी की अनौपचारिक तौर पर मदद कर सकूंगा।
स्तब्ध है डाक्टर:
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वे गंभीर रूप से बीमार थे बावजूद इसके उनमें जीने की अद्म क्षमता थी। वे दर्द में भी हंसते रहे। जैसे-जैसे उनके अंगों ने काम करना बंद किया वे आसक्त होते चले गए। उन्हें कृत्रिम सन पण्राली पर रखा गया। बावजूद इसके वे जब होश में आते थे तो मंद मंद मुस्करा कर ही जबाव देते थे।
निधन की खबर से सभी के आंखों में थे आंसू:
दरअसल, इसके पहले भी जेटली को एम्स में उपचार किया जा चुका है। उस वक्त वे यहां मरीजों को ठंड शीतल पेयजल मुहैया कराने के लिए कृतज्ञता जताई थी। उसके बाद मरीजों की सुविधा के लिए पांच से अधिक कुलिंग मशीन लगाई थी। जिसका रखरखाव वे अपने वेतन से ही करवाते थे। आईसीयू वार्ड से जब उनके पार्थिव शरीर को जरूरी औपचरिकताओं के लिए रसायनिक आलेपन के लिए शव विच्छेदन कक्ष की तरफ ले गए थे वहां पहले से ही भारी संख्या में लोग खड़े थे। सायं करीब 5 बजे उनके पार्थिव शरीर को दक्षिण दिल्ली आवास पर ले जाया गया। इस मौके पर एम्स के डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, मरीज व उनके रिश्तेदारों के आंखे भी नम थी।

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